
नई दिल्ली। चुनाव आयोग आज सुबह 11.30 बजे कर्नाटक विधानसभा चुनावों की तारीखों का एलान करने वाला है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार तारीखों का एलान करेंगे। कर्नाटक विधानसभा के चुनाव अप्रैल में कराए जाएंगे। कर्नाटक में पिछली बार बीजेपी सबसे ज्यादा सीटें जीती थी। फिर उसने सरकार बना ली थी। कर्नाटक में पिछले विधानसभा चुनाव की बात करें, तो 2018 में 222 सीटों पर चुनाव हुए थे। इसमें बीजेपी को बहुमत से 8 सीटें कम यानी 104 सीट मिली थीं। कांग्रेस को 78 और जेडीएस को 38 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। बीएस येदियुरप्पा को बीजेपी ने सीएम बनाया था। येदियुरप्पा ने बहुमत साबित कर दिया था। बाद में बसवराज बोम्मई को सीएम बनाया गया।

कर्नाटक में मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ बीजेपी, कांग्रेस और जेडीएस के बीच है। बीजेपी की तरफ से पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा को पार्टी ने फिर जीत दिलाने के लिए अहम जिम्मेदारी दे रखी है। कांग्रेस की तरफ से पूर्व सीएम सिद्धारामैया और प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने कमान संभाली हुई है। वहीं, जेडीएस की तरफ से पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी भी ताल ठोक रहे हैं। कुमारस्वामी ने एलान कर रखा है कि इस बार के कर्नाटक विधानसभा चुनाव उनकी सियासी करियर के अंतिम चुनाव हैं। इसके बाद वो चुनाव नहीं लड़ेंगे।
बीजेपी ने हाल के दिनों में अपनी हिंदूवादी छवि और विकास को मुद्दा बनाया है। बीजेपी ने बीते दिनों मुस्लिमों को मिल रहे 4 फीसदी आरक्षण को हटाकर इसे आधा-आधा लिंगायत और वोक्कालिगा में बांट दिया। ये दोनों समुदाय काफी सीटों पर जीत और हार तय करते हैं। लिंगायत करीब 56 सीटों पर बड़ी तादाद में हैं। वहीं, वोक्कालिगा समुदाय करीब 17 फीसदी है। वहीं, कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। कांग्रेस का कहना है कि कर्नाटक सरकार 40 फीसदी कमीशन लेकर काम करती है। आज चुनावी रण की शुरुआत होने के बाद कर्नाटक में सियासी आरोप-प्रत्यारोप का दौर और तेज होने के आसार हैं।