नई दिल्ली। कर्नाटक के उड्डपी जिले के कॉलेज में मुस्लिम छात्राओं के हिजाब पहनने को लेकर शुरू हुई विवाद की धारा अब लंबी बहेगी। कल तक मूक रहने वाले लोग भी अब खुलकर इस मुद्दे पर अपनी राय व्यक्त कर रहे हैं। सियासी हलकों से भी जुड़े लोग इस मुद्दे पर अब खुलकर अपनी-अपनी सहूलियत के हिसाब से राय दे रहे हैं। जहां एक तरफ मुस्लिम छात्राएं खुलकर हिजाब पहनने को अपनी आजादी बता रही हैं, तो वहीं कुछ लोग इसे शिक्षण संस्थानों के नियमों की अवहेलना बता रहे हैं। कथित तौर पर कॉलेज प्रशासन ने मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहन कर क्लास रूम में आने से मना कर दिया था, जिसका विरोध करने के लिए कॉलेज में पढ़ने वाली 6 मुस्लिम छात्राओं ने कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। अपनी याचिका में छात्राओं ने हिजाब पहनकर कॉलेज जाने की इजाजत मांगी है, जिसे लेकर आज यानी की बुधवार (9 फरवरी, 2022) को सुनवाई हुई, जिसमें कोर्ट ने इस पूरे मसले को बड़ी पीठ को भेजने का निर्देश दे दिया है। अब ऐसे में देखना होगा कि आगे चलकर कर्नाटक हाईकोर्ट की बड़ी पीठ इस पर क्या कुछ फैसला करती है, लेकिन उससे पहले हम आपको बताते चलें कि सुनवाई के दौरान कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश कृष्ण दीक्षित ने एक अहम टिप्पणी की है, जिसे लेकर अब सियासी गलियारों में चर्चा शुरू हो चुकी है। आइए, आगे आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं कि उन्होंने इस पूरे मसले को लेकर क्या कुछ कहा है।
दरअसल, कर्नाटक हाईकोर्ट के जज कृष्ण दीक्षित ने इस मामले की सुनवाई के दौरान अपने बचपन का एक किस्सा साझा करते हुए कहा कि जब मैं स्कूल में पढ़ता था, तो स्कूल का एक ही रंग होता था। सभी बच्चों की एक ही यूनिफॉर्म होती थी। ऐसे में इस पूरे मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए मुझे लगता है कि इसे हाईकोर्ट की बड़ी पीठ को भेजे जाने की आवश्यकता है, ताकि उनके विचार भी इस मामले में समाहित हो सकें। इसके साथ ही जज ने इस मामले की जल्द से जल्द निपटारे की आवश्यकता बताई। वहीं, वकील आदित्य ने भी कहा कि ड्रेस कोड किसी भी शिक्षण संस्थान के लिए जरूरी होता है। यह स्कूल के अनुशासन को प्रदर्शित करता है। ऐसे में आप इन नियमों के विरोध में नहीं जा सकते हैं।
अब ऐसे में सभी को इंतजार है कि जब इस पूरे मामले को बड़ी पीठ के समक्ष भेजा जाएगा, तो कोर्ट का फैसला क्या होगा। फिलहाल, इस पूरे मामले को लेकर पूरे देश की निगाहें टिकी हुई है। इसे लेकर सियासत भी तेज हो चुकी है। कांग्रेस से लेकर बीजेपी में इस पूरे मसले को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो चुका है। कांग्रेसी नेता जहां मुस्लिम छात्राओं के हिजाब पहनने का समर्थन कर रहे हैं, तो वहीं बीजेपी की तरफ से अभी तक किसी भी नेता ने इस पर खुलकर अपनी राय व्यक्त नहीं की है। जिसे लेकर कांग्रेस की तरफ से बीजेपी नेताओं को निशाने पर लेने की कवायद शुरू हो चुकी है।