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Varanasi: काशी विश्वनाथ का गर्भगृह सोने से मढ़ा गया, PHOTO देख आप हो जाएंगे खुश

ये सोना दक्षिण भारत के एक सराफा कारोबारी ने दान किया है। कई साल पहले गर्भगृह के अंदर सोना लगाने का 50 करोड़ का एस्टीमेट बना था। उस वक्त बीएचयू आईआईटी के विशेषज्ञों ने दीवारों को अतिरिक्त भार सहने योग्य नहीं माना था।

वाराणसी। महाशिवरात्रि पर्व से पहले भोले बाबा के भक्तों के लिए शानदार खबर आई है। वाराणसी स्थित श्री काशी विश्वनाथ धाम के गर्भगृह को सोने से मढ़ दिया गया है। पहले गर्भगृह की दीवारें संगमरमर की थीं और उन्हीं के ऊपर सोने की चादर अब चढ़ाई गई है। महाशिवरात्रि पर यहां आने वाले भक्त अब बाबा के दर्शन के साथ ही नए रूप के गर्भगृह के दर्शन कर सकेंगे। ये सोना दक्षिण भारत के एक सराफा कारोबारी ने दान किया है। कई साल पहले गर्भगृह के अंदर सोना लगाने का 50 करोड़ का एस्टीमेट बना था। उस वक्त बीएचयू आईआईटी के विशेषज्ञों ने दीवारों को अतिरिक्त भार सहने योग्य नहीं माना था।

gold in kashi vishwanath temple

सोना लगाने का काम करने वाली संस्था की ओर से बताया गया है कि पहले चरण में प्लास्टिक के सांचे को बनाया गया। फिर दूसरे चरण में तांबे के सांचे को तैयार कर मंदिर के गर्भगृह के आकार और वहां बनी डिजाइन के मुताबिक सोने की चादरें तैयार की गईं। अभी सोने को गर्भगृह में लगाया गया है और फिर चौखट और फिर बाहर की दीवारों पर भी सोना लगाया जाना है। सोना लगाने के काम में 10 लोगों की टीम काम कर रही है। अंदर जो सोने की चादरें लगी हैं, उन्हें अलग-अलग तैयार किया गया है। सांचा तैयार करने में काफी वक्त लगता है। इस वजह से काम अब भी जारी है।

kashi vishwanath temple

इससे पहले पंजाब के शासक रहे महाराजा रणजीत सिंह ने साल 1835 में मंदिर को 22 मन सोना दिया था। इस सोने को शिखर पर लगाया गया था। इंदौर की महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने साल 1777 में मौजूदा काशी विश्वनाथ मंदिर का निर्माण कराया था। बीते दिनों जब पीएम नरेंद्र मोदी ने काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण किया था, तो शिखर पर लगे सोने की चादरों की सफाई कराई गई थी।