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काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के लिए ड्रेस कोड की खबर झूठी है

बीते दिनों में खबरें चली कि काशी विश्वनाथ मंदिर मे दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को अब जींस पैंट और टी-शर्ट की जगह पर ड्रेस कोड का पालन करना होगा।

नई दिल्ली। बीते दिन खबरें चली कि काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को अब जींस पैंट और टी-शर्ट की जगह पर ड्रेस कोड का पालन करना होगा। इस ड्रेस कोड में पुरुषों को धोती-कुर्ता और महिलाओं को साड़ी पहनना होगा। ऐसा ना करने पर श्रद्धालू दर्शन नहीं कर पाएंगे। इसको लेकर अब जो खबर सामने आई है उससे साफ लग रहा है कि ऐसी खबरें यूपी की योगी सरकार को सिर्फ बदनाम करने के लिए चलाई गई थी। इस खबर को लेकर वाराणसी के कमिश्नर ने खुद का वीडियो जारी कर इसकी सच्चाई बताई है।

kashi vishwanath temple

खबर झूठी निकली

ड्रेस कोड को लेकर खबर कई अखबारों में प्रकाशित होने पर अब वाराणसी के कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने खुद इस खबर की सच्चाई को लेकर एक वीडियो जारी किया है। उन्होंने अपने वीडियो में कहा है कि, “मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ कहना चाहूंगा कि ऐसा कोई फॉर्मल प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।”

Deepak Agrawal Varanasi

उन्होंने कहा कि, “बीते दिन काशी विद्वत परिषद द्वारा इसको लेकर एक मौखिक सुझाव दिया गया था। जिस पर चर्चा तो हुई लेकिन ऐसा कोई विधिवत प्रस्ताव ना तो हमारे यहां है और ना ही इसपर कोई कार्रवाई हो रही है। इसलिए मैं सभी समाचार पत्रों को और चैनलों को इस बात का खंडन करता हूं कि इस तरह की किसी भी चीज पर कोई निर्णय नहीं हुआ है। काशी विद्वत परिषद की तरफ से एक प्रस्ताव आया था जिसपर सिर्फ चर्चा हुई थी।”

दीपक अग्रवाल ने मीडिया से अपील की कि, इस तरह की किसी भी खबर को प्रसारित करने से पहले हम लोगों से इस बात की जानकारी कर लें। आपको बता दें कि ड्रेस कोड को लेकर खबरें चल रही थी कि काशी विश्वनाथ मंदिर को लेकर तय की गई नई व्यवस्था के तहत अब जींस, पैंट, शर्ट और सूट पहने लोग दर्शन तो कर सकेंगे लेकिन उन्हें स्पर्श दर्शन करने की अनुमति नहीं होगी।

kashi vishwanath

हालांकि अब साफ है कि ऐसी कोई नई व्यवस्था लागू नहीं की गई है, इसपर सिर्फ चर्चा हुई थी। खबरों की पड़ताल में ये खबर फर्जी साबित हुई है। गौरतलब है कि उज्जैन के महाकाल मंदिर में ऐसी व्यवस्था पहले से ही है।