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Fact: दिल्ली सरकार ने बजाया 20 लाख युवाओं को नौकरी देने का ढोल, लेकिन पहले के आंकड़े खोल रहे हैं पोल

अरविंद केजरीवाल का बतौर सीएम दिल्ली में दूसरा कार्यकाल है। इससे पहले केजरीवाल की सरकार ने दिल्ली के कितने बेरोजगारों को कितना रोजगार दिया है, ये साल 2018 में विधानसभा में दिए गए एक जवाब में पता चला था। तब खुलासा हुआ था कि महज कुछ सौ बेरोजगारों को ही नौकरी दी गई।

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के वित्त मंत्री मनीष सिसौदिया ने आज विधानसभा में बजट पेश किया। इस बजट को उन्होंने ‘रोजगार बजट’ का नाम दिया है। सिसौदिया ने कहा कि युवाओं को नौकरी देना अरविंद केजरीवाल सरकार की पहली प्राथमिकता है। उन्होंने एलान किया कि दिल्ली सरकार अगले 5 साल में युवाओं को 20 लाख नई नौकरियां देगी। अरविंद केजरीवाल का बतौर सीएम दिल्ली में दूसरा कार्यकाल है। इससे पहले केजरीवाल की सरकार ने दिल्ली के कितने बेरोजगारों को कितना रोजगार दिया है, ये साल 2018 में विधानसभा में दिए गए एक जवाब में पता चला था। तब खुलासा हुआ था कि महज कुछ सौ बेरोजगारों को ही नौकरी दी गई।

अगस्त 2018 में विधानसभा में सवाल के जवाब में केजरीवाल सरकार ने कहा था 2015 से 2017 तक सिर्फ 344 बेरोजगारों को उसने नौकरी दी है। विभाग की ओर से बताया गया था कि साल 2015 में 176, साल 2016 में 102 और 2017 में महज 66 युवाओं को ही दिल्ली सरकार नौकरी दिला पाने में सफल रही। केजरीवाल सरकार के गठन के बाद दिल्ली के 5 रोजगार दफ्तरों में 2.87 युवाओं ने रजिस्ट्रेशन कराया था। इनमें से 8000 के नाम उस वक्त कंपनियों को भेजे गए थे। जिन 344 को नौकरी मिली थी, उनमें से 177 कंडक्टर, वॉटरमैन और संविदा पर वॉटरमैन के पद पर तैनात किए गए थे।

विभाग ने साल 2015 से 2017 तक सिर्फ 7 रोजगार मेले लगाए थे। जिनमें 357 कंपनियों के आने का दावा किया गया था। दिल्ली सरकार ने उस वक्त विधानसभा में जानकारी दी थी कि 78000 युवाओं ने आवेदन किया और 30680 को कंपनियों ने नौकरी के लिए शॉर्टलिस्ट किया, लेकिन विभाग ने ये नहीं बताया कि इनमें से कितनों को नौकरी दी गई। वहीं, इन 7 रोजगार मेलों पर केजरीवाल सरकार ने 33 लाख से ज्यादा की रकम खर्च की थी। आज बजट में भी 20 लाख नौकरी की बात कही गई है, लेकिन इससे आगे सरकार ने कुछ भी नहीं बताया है।