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UP: सुपरकॉप रहे; वित्त मंत्री चिदंबरम के बेटे को भेजा जेल और अब बने बीजेपी प्रत्याशी, जानिए कौन हैं राजेश्वर सिंह

आखिर राजेश्वर सिंह में क्या खास बात है ? ये सवाल आप सभी के मन में उठ रहा होगा। तो चलिए, आज आपको बताते हैं कि राजेश्वर सिंह इतनी चर्चा में आखिर क्यों हैं और बीजेपी ने उन्हें प्रत्याशी क्यों बनाया है। यूपी के 1996 बैच के पीपीएस अफसर रहे राजेश्वर सिंह मूल रूप से सुलतानपुर जिले के निवासी हैं।

लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ की एक विधानसभा सीट सरोजनीनगर भी है। इस सीट से 2017 में बीजेपी की उम्मीदवार स्वाति सिंह जीती थीं और योगी सरकार में मंत्री बनीं। इस बार बीजेपी ने यहां से राजेश्वर सिंह को टिकट दिया है। राजेश्वर सिंह के आने के बाद क्षेत्र में सपा के कद्दावर नेता शारदा प्रताप शुक्ला ने भी उन्हें समर्थन देते हुए बीजेपी ज्वॉइन कर ली। आखिर राजेश्वर सिंह में क्या खास बात है ? ये सवाल आप सभी के मन में उठ रहा होगा। तो चलिए, आज आपको बताते हैं कि राजेश्वर सिंह इतनी चर्चा में आखिर क्यों हैं और बीजेपी ने उन्हें प्रत्याशी क्यों बनाया है।

rajeshwar singh 1

राजेश्वर सिंह प्रवर्तन निदेशालय यानी ED में ज्वॉइंट डायरेक्टर पद से वीआरएस लेकर सियासत में कूदे हैं और बीजेपी का टिकट उन्हें मिला है। पेशे से वो पुलिसकर्मी रहे हैं। यूपी के 1996 बैच के पीपीएस अफसर रहे राजेश्वर सिंह मूल रूप से सुलतानपुर जिले के निवासी हैं। उन्होंने इंजीनियरिंग की डिग्री के अलावा एलएलबी भी किया है। राजेश्वर की पत्नी भी आईपीएस हैं। उनका नाम लक्ष्मी सिंह है और वो लखनऊ रेंज की आईजी हैं। राजेश्वर के मैदान में उतरने के बाद सपा ने चुनाव आयोग से लक्ष्मी सिंह को लखनऊ से हटाने की मांग भी कर दी है। लखनऊ में डिप्टी एसपी रहने के दौरान राजेश्वर सिंह 13 बदमाशों को मारकर एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के तौर पर पहचान बना चुके थे।

chidambaram and rajeshwar singh

साल 2009 में राजेश्वर सिंह डेपुटेशन यानी प्रतिनियुक्ति पर ईडी गए थे। वहां उन्होंने तमाम घोटालेबाजों को कानूनी दायरे में लाते हुए जमकर कार्रवाई की थी। यूपीए सरकार के दौरान 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन, कोयला घोटाला, कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाला और अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले की जांच राजेश्वर सिंह ने की। एयरसेल-मैक्सिस सौदे की जांच में बेटे कार्ति चिदंबरम को आरोपी बनाए जाने से यूपीए सरकार के वित्त मंत्री और कार्ति के पिता पी. चिदंबरम से भी राजेश्वर का छत्तीस का आंकड़ा बन गया। इसके अलावा राजेश्वर सिंह ने भ्रष्टाचार के मामलों में घिरे हरियाणा के पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला, आंध्र के मौजूदा सीएम जगन मोहन रेड्डी और झारखंड के पूर्व सीएम मधु कोड़ा पर भी केस चलाया। राजेश्वर सिंह ने सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय को भी जेल भेजा था। सुब्रत पर हाउसिंग फाइनेंस के नाम पर लोगों से 24000 करोड़ रुपए ऐंठने का आरोप था। इसके अलावा सपा सरकार के दौरान लखनऊ के गोमती रिवर फ्रंट घोटाले की जांच भी राजेश्वर ने की थी।