नई दिल्ली। अगर कोरोना वायरस को बहरुपिया कहा जाए, तो किसी को कोई गुरेज नहीं होना चाहिए। साल 2019 के आखिरी पड़ाव में अपनी दस्तक से पूरी दुनिया में हाहाकार मचाने वाला कोरोना आज की तारीख में न जाने कितने ही वैरिएंट में मौजूद है, जिसकी तिस्लमभरी सीरत और सूरत ने अच्छे-अच्छे डिग्रीधारक चिकित्सकों को बेहाल कर रखा है। साल में चार मौसम ही होते हैं, 12 महीने होते हैं, 365 दिन होते हैं, लेकिन इस कंबख्त कोरोना ने महज एक साल में अपने बेशुमार वैरिएंट से लोगों को हलकान कर दिया है। अभी हाल में पूरी दुनिया में कहर बरपाने वाले कोरोना की नवनिर्मित वैरिएंट ओमीक्रोन को ही देख लीजिए। जिस तरह से पूरी दुनिया को यह अपनी चपेट में लेने पर अमादा हो चुका है, उसने आले दर्जे के चिकित्सकों को भी चिंता में डाल दिया है। दक्षिण अफ्रीका से शुरू हुआ ओमीक्रोन का कहर कब भारत में दस्तक दे गया, किसी को कुछ पता ही नहीं लगा और अब हाल देख लीजिए कि यह जिस तेजी के साथ देश के हर भाग में फैलता जा रहा है, उसे लेकर केंद्र सरकार समेत आम लोगों का चिंतित होना लाजिमी है।
ऐसी स्थिति में इस विकराल स्थिति का सामना करने के लिए केंद्र सरकार अपनी सारी कोशिशों को परवान चढ़ाने की तैयारियों में जुट चुकी है। केंद्र की मोदी सरकार अपने सभी चिकित्सकीय लाव लश्कर को दुरूस्त करने की तैयारियों में जुट चुकी है। इसे लेकर बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम अपने संबोधन में ओमीक्रोन को लेकर सरकार की तैयारियों और बूस्टर डोज के संदर्भ में अहम जानकारी देशावासियों के साथ साझा की थी। उन्होंने अपने संबोधन में यह भी कहा था कि ओमीक्रोन के विशेषताओं के मद्देनजर वर्तमान में कौन बूस्टर डोज के योग्य है और कौन नहीं है। आइए. आगे आपको उनके संबोधन की मुख्य बातों के बारे में विस्तार से बताते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि सभी स्वास्थकर्मियों समेत 60 साल की आयु को पार कर चुके लोगों को बूस्टर डोज की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हमारे समाज में ये दो समूह बेहद ही आवश्यक हैं, लिहाजा आने वाले विपदा से इन्हें महफूज रखने के लिए बूस्टर डोज की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इसी आवश्यकता और अनिवार्यता को समझते हुए 60 वर्ष की आयु को पार कर चुके लोगों के लिए आगामी 10 जनवरी 2022 से बूस्टर डोज अभियान शुरू किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, 9,24,23,935 वरिष्ठ नागरिक को ‘एहतियाती खुराक’ के लिए पात्र बना दिया है। इसके अलावा, 96,78,237 स्वास्थ्यकर्मी और 1,68,31,027 अब बूस्टर शॉट के लिए कतार में हैं। इसके अलावा 15 से 18 वर्ष की आयु के मध्य के बच्चों को भी बूस्टर शॉट की आवश्यकता होगी।
बता दें कि कोरोना के कहर को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विगत डेढ़ वर्ष से प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे हैं। आज इन्हीं समीक्षाओं का नतीजा है कि हमारे पास 18 लाख आइसोलेशन बेड, 1 लाख 40 हजार आईसीयू बेड, 90,000 पीडियाट्रिक ICU और नॉन-ICU बेड हैं। इसके अलावा, वर्तमान में देश में 3000 से अधिक पीएसए ऑक्सीजन संयंत्र काम कर रहे हैं और पूरे देश में 4 लाख ऑक्सीजन सिलेंडर वितरित किए गए हैं, लेकिन जिस तरह से कोरोना के नए वैरिएंट ओमीक्रॉन का खतरा लगातार बढ़ने की संभावना जताई जा रही है, उसे ध्यान में रखते हुए आगामी दिनों में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को दुरूस्त करने की संभावना जताई जा रही है।