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Electoral Bond: कांग्रेस, टीएमसी, डीएमके समेत तमाम विपक्षी पार्टियों ने लिया इलेक्टोरल बॉण्ड से चंदा, फिर बीजेपी ही निशाने पर क्यों!

Electoral Bond: सुप्रीम कोर्ट से एसबीआई ने गुहार लगाई थी कि इलेक्टोरल बॉण्ड के बारे में सभी जानकारियां देने के लिए उसे 30 जून तक का वक्त दिया जाए, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एसबीआई की इस संबंध में अर्जी ठुकरा दी थी। एसबीआई को आज रात 12 बजे तक हर हाल में इलेक्टोरल बॉण्ड संबंधित जानकारियां चुनाव आयोग को सौंपनी होंगी।

नई दिल्ली। स्टेट बैंक यानी एसबीआई को आज चुनाव आयोग को इलेक्टोरल बॉण्ड से जुड़ी सभी जानकारियां सौंपनी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इसका आदेश दिया है। एसबीआई को बताना होगा कि इलेक्टोरल बॉण्ड किसने और कितनी रकम देकर खरीदे थे। अब ये भी जान लीजिए कि इलेक्टोरल बॉण्ड के जरिए किस पार्टी को कितनी रकम हासिल हुई। यहां ये भी जानना जरूरी है कि कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों को भी इलेक्टोरल बॉण्ड से चंदा मिला, लेकिन ये सभी बीजेपी को निशाना बना रहे हैं।

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने बताया था कि साल 2017-2018 और 2021-2022 के दौरान स्टेट बैंक से 9208.23 करोड़ के इलेक्टोरल बॉण्ड बिके। बीजेपी को इन इलेक्टोरल बॉण्ड से 5271.97 करोड़ का चंदा मिला। वहीं, कांग्रेस को 952.9 करोड़ की रकम इलेक्टोरल बॉण्ड से मिली। ममता बनर्जी की टीएमसी को इलेक्टोरल बॉण्ड से 767.88 करोड़ रुपए मिले। वहीं, बीजू जनता दल यानी बीजेडी को 622 करोड़ की रकम हासिल हुई। डीएमके को इलेक्टोरल बॉण्ड से 431.50 करोड़ हासिल हुए। एनसीपी को 51.5 करोड़ रुपए, आम आदमी पार्टी को 8.83 करोड़ और जेडीयू को 24.40 करोड़ की रकम इलेक्टोरल बॉण्ड से मिले थे। अब सवाल ये उठता है कि जब विपक्षी दलों ने भी इलेक्टोरल बॉण्ड से चंदा लिया, तो सिर्फ बीजेपी ही इनके निशाने पर क्यों है? क्या इस वजह से कि इलेक्टोरल बॉण्ड से सबसे ज्यादा चंदा बीजेपी को मिला है!

सुप्रीम कोर्ट से एसबीआई ने गुहार लगाई थी कि इलेक्टोरल बॉण्ड के बारे में सभी जानकारियां देने के लिए उसे 30 जून तक का वक्त दिया जाए, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एसबीआई की इस संबंध में अर्जी ठुकरा दी थी। एसबीआई को आज रात 12 बजे तक हर हाल में इलेक्टोरल बॉण्ड संबंधित जानकारियां चुनाव आयोग को सौंपनी होंगी। इसके बाद चुनाव आयोग 15 मार्च तक अपने वेब पोर्टल में इन जानकारियों को आम जनता के लिए जारी करेगा। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉण्ड को असंवैधानिक बताकर इससे पार्टियों को चंदा देने पर रोक भी लगा दी है।