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Sushma Swaraj Birthday: जानें, कैसे पुरुषवादी सियासत में सुषमा ने बनाई थी अपनी खास पहचान, पहली महिला CM बनकर रचा था इतिहास

Sushma Swaraj Birthday: 4 फरवरी, 1952 को हरियाणा की अंबाला छावनी में जन्मी सुषमा 70 के 70 के दशक में ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़ गई थीं। उनके पिता हरदेव शर्मा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के एक सम्मानित सदस्य थे।

नई दिल्ली। अपने दमदार आवाज में पूरे सदन में गूंज पैदा करने वाली भारत की पूर्व विदेश मंत्री दिवंगत सुषमा स्वराज की आज जयंती है। जब-जब  संस्कृत भाषा का जिक्र होगा, बैंकाक में विद्वानों की सभा में दिया गया उनका संस्कृत भाषण याद आएगा। जब भी मौका मिले सुषमा भाषण के लिए हिंदी या संस्कृत भाषा ही चुनती थीं। न केवल हिंदी, संस्कृत बल्कि अंग्रेजी, हरियाणवी, पंजाबी, ऊर्दू, और कन्नड़ में भी उनकी अच्छी पकड़ थी। विदेश मंत्री पद पर रहने के दौरान, वो सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहतीं थीं, और जब भी किसी नागरिक ने ट्विटर के जरिए उनसे किसी भी प्रकार की मदद मांगी, सुषमा ने बिना विलंब किए उन्हें सहायता पहुंचायी। वो अपने प्रयासों से विदेश में किसी परिस्थितिवश फंसे भारतीय नागरिको को सुरक्षित भारत वापस ले आईं।

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4 फरवरी, 1952 को हरियाणा की अंबाला छावनी में जन्मी सुषमा 70 के दशक में ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़ गई थीं। उनके पिता हरदेव शर्मा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के एक सम्मानित सदस्य थे। उनका परिवार मूल रूप से लाहौर के धरमपुरा का निवासी था, जो अब पाकिस्तान में है। संस्कृत और राजनीति विज्ञान में स्नातक करने वाली सुषमा को उनके कालेज में सर्वश्रेष्ठ छात्रा के सम्मान से भी सम्मानित किया गया था।

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सन् 1975 में उनका विवाह ‘स्वराज कौशल’ से हो गया। स्वराज भारतीय राजनीतिज्ञ और सर्वोच्च न्यायलय में वरिष्ठ वकील के पद पर कार्यरत हैं। इसके अलावा वो मिजोरम के राज्यपाल पद पर भी आसीन रह चुके हैं। सुषमा और स्वराज की एक बेटी भी है। उनका नाम बांसुरी है और वो लंदन के ‘इनर टेम्पल’ में वकालत कर रही हैं।

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सुप्रीम कोर्ट की वकील रहीं, सुषमा ने दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री के पद से लेकर देश की विदेश मंत्री बनने के पद तक को बखूबी संभाला। सुषमा भारतीय संसद की पहली एवं एकमात्र ऐसी महिला सदस्या हैं, जिन्हें ‘आउटस्टैण्डिंग पार्लिमैण्टेरियन’ सम्मान दिया गया है। 6 अगस्त, 2019 को इस महान हस्ती ने दुनिया को अलविदा कह दिया, लेकिन जाने से पहले उन्होंने इस बात पर खुशी जाहिर की थी, कि जम्मू कश्मीर से ‘आर्टिकल 370’ हट गया। दरअसल, मोदी सरकार ने एक दिन पहले ही 5 अगस्त, 2019 को यह ऐतिहासिक फैसला किया था।