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Akhilesh Yadav: अखिलेश यादव के इस बयान से कांग्रेस को क्यों चिंतित होना चाहिए, जानिए वजह

सवाल उठ रहा है कि क्या यूपी में सपा और कांग्रेस का गठबंधन लोकसभा चुनाव लड़ेगा? कांग्रेस इस सवाल पर अभी चुप है, लेकिन अखिलेश यादव ने बीते दिनों कहा था कि कांग्रेस को हर राज्य में वहां के क्षेत्रीय दलों को समर्थन देना चाहिए। अब अखिलेश यादव ने एक और ऐसी बात कही है जो कांग्रेस की चिंता को बढ़ा सकती है।

लखनऊ। लोकसभा के चुनाव आने वाले हैं। इससे पहले कांग्रेस ने राहुल गांधी की अयोग्यता और अडानी मामले में सियासी माहौल गरमाया हुआ है। दोनों ही मामलों में तमाम विपक्षी दल कांग्रेस का साथ दे रहे हैं। इन दलों में समाजवादी पार्टी (सपा) भी है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या यूपी में सपा और कांग्रेस का गठबंधन लोकसभा चुनाव लड़ेगा? कांग्रेस इस सवाल पर अभी चुप है, लेकिन अखिलेश यादव ने बीते दिनों कहा था कि कांग्रेस को हर राज्य में वहां के क्षेत्रीय दलों को समर्थन देना चाहिए। अब अखिलेश यादव ने एक और ऐसी बात कही है जो कांग्रेस की चिंता को बढ़ा सकती है।

sonia gandhi

अखिलेश यादव ने बयान दिया है कि इस बार बड़े आदमियों की जगह बड़े दिल वालों को लोग जिताना चाहते हैं। अखिलेश का ये बयान इस वजह से महत्वपूर्ण है कि बड़े नेताओं में सोनिया गांधी भी शामिल हैं। सोनिया गांधी रायबरेली से सांसद हैं। इस बार उन्होंने लोकसभा चुनाव न लड़ने का संकेत दिया तो है, लेकिन साफ है कि रायबरेली की सीट अगर सोनिया छोड़ती हैं, तो गांधी परिवार से ही कोई दूसरा सदस्य यहां लोकसभा चुनाव लड़ सकता है। अगर अखिलेश यादव सपा का उम्मीदवार भी रायबरेली से उतारते हैं, तो कांग्रेस के लिए यूपी में अपना ये इकलौता गढ़ बचाने में दिक्कत भी हो सकती है।

Sonia Gandhi

अब तक सपा ने कभी भी अमेठी या रायबरेली से राहुल गांधी और सोनिया के खिलाफ प्रत्याशी नहीं उतारा, लेकिन अखिलेश यादव बीते दिनों रायबरेली गए भी थे। अब वो बड़े चेहरे की जगह बड़े दिल की बात भी करने लगे हैं। ऐसे में कांग्रेस के लिए निश्चित तौर पर मंथन का वक्त है। अगर रायबरेली की बात करें, तो यहां की ऊंचाहार समेत कई विधानसभा सीटों पर सपा के विधायक चुने जाते रहे हैं। ऊंचाहार से सपा के मनोज पांडेय तो लगातार तीसरी बार विधानसभा चुनाव लड़े हैं। खास बात ये भी है कि अमेठी और रायबरेली की 10 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस बीते कुछ चुनावों में ज्यादा सीटें भी नहीं जीतती रही है। वो भी तब, जबकि खुद प्रियंका गांधी वाड्रा तक ने चुनाव प्रचार किया था। अब अगर सपा के साथ कांग्रेस का गठबंधन यूपी में नहीं होता, तो तमाम सीटों पर कांग्रेस के लिए संशय के बादल गहरा सकते हैं।