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Ajit Pawar: दो बच्चों से ज्यादा पैदा करने वाले नेताओं के चुनाव लड़ने पर लगे रोक, बढ़ती जनसंख्या पर भड़के अजीत पवार

Ajit Pawar: उन्होंने आगे कहा कि सभी राजनीतिक दलों के नुमाइंदों को इस दिशा में गंभीरता से विचार-विमर्श करना चाहिए और बढ़ती जनसंख्या पर अंकुश लगाने की दिशा में गंभीरतापूर्वक रूपरेखा तैयार करनी चाहिए, लेकिन मुझे यह जानकर अफसोस होता है कि अभी तक सरकार की ओर से इस दिशा में कोई भी कदम उठाने की दिशा में इच्छा नहीं जाहिर की जा रही है।

नई दिल्ली। बढ़ती जनसंख्या के मामले में भारत अब चीन को पछाड़कर पहले पायदान पर अपनी जगह बना चुका है। जिसे लेकर चौतरफा चिंता जताई जा रही है। जनसंख्या पर अंकुश लगाने की दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन जमीन पर इसका कोई सकारात्मक असर देखने को नहीं मिल रहा है। इसे लेकर राजनीति अलग से हो रही है। वहीं, विपक्षियों का आरोप है कि केंद्र की मोदी सरकार बढ़ती जनसंख्या को सांप्रदायिक रंग देकर इसके निदान की दिशा पर कोई ध्यान नहीं दे रही है। अब इसी को लेकर रांकापा प्रमुख शरद पवार के छोटे भाई अजीत पवार ने बड़ा बयान दिया है। माना जा रहा है कि आगामी दिनों में उनके इस बयान के बाद राजनीतिक बहस शुरू हो सकती है। आइए पहले ये जान लेते हैं कि आखिर उन्होंने क्या कुछ कहा है।

दरअसल, अजीत पवार ने कहा कि जिन लोगों को दो से अधिक संतानें हैं, उन्हें हर प्रकार की सुख सुविधाओं से वंचित कर देना चाहिए। यहां तक की उन्हें सांसद और विधायक जैसे चुनाव लड़ने से भी रोक देना चाहिए। उन्होंने यह बयान बारामती में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करने के क्रम में दिया है। बता दें कि उनके इस बयान के बाद सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गुलजार हो चुका है। पवार ने आगे कहा कि मेरे दादा जी कहा करते थे कि जब देश को आजादी मिली थी, तब देश की आबादी कुल 35 करोड़ ही थी, जो कि अब बढ़कर 146 करोड़ के आसपास पहुंच चुकी है, जिससे यह साफ जाहिर होता है कि देश में जनसंख्या की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है, लेकिन सवाल यह है कि आखिर बढ़ती जनसंख्या पर अंकुश लगाने की दिशा में अभी तक सरकार की तरफ से कोई कदम क्यों नहीं उठाया जा रहा है।

ajit pawar

उन्होंने आगे कहा कि सभी राजनीतिक दलों के नुमाइंदों को इस दिशा में गंभीरता से विचार-विमर्श करना चाहिए और बढ़ती जनसंख्या पर अंकुश लगाने की दिशा में गंभीरतापूर्वक रूपरेखा तैयार करनी चाहिए, लेकिन मुझे यह जानकर अफसोस होता है कि अभी तक सरकार की ओर से इस दिशा में कोई भी कदम नहीं उठाया जा रहा है। पवार ने आगे कहा कि मैं यह जानना चाहता हूं कि आखिर अभी तक सरकार की ओर से इस दिशा में कोई सकारात्मक पहल क्यों नहीं की जा रही है। वैसे इसे लेकर तकरीरें तो लंबी-लंबी पेश की जाती हैं, लेकिन जब बात जमीनी हकीकत के विश्लेषण की आती है, तो हम इसमें पीछे नजर आते हैं। बहरहाल, अब आगामी दिनों में अजीत पवार के बयान पर किसकी ओर से क्या प्रतिक्रिया सामने आती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

ध्यान रहे कि अजीत पवार महाराष्ट्र की राजनीति में पिछले कुछ दिनों से खासा सुर्खियों में थे। दरअसल, खबर थी कि वे बीजेपी में शामिल होने जा रहे हैं, लेकिन बीते दिनों उन्होंने खुद ही स्पष्ट कर दिया था कि वो किसी भी पार्टी का दामन नहीं थामने जा रहे हैं, बल्कि अंतिम सांस तक एनसीपी के साथ ही रहेंगे। उधर, शरद पवार ने भी उन सभी लोगों को दो टूक कड़ा संदेश दे दिया है, जो कि पार्टी को तोड़ने की मंशा पाले हुए हैं। एनसीपी ने स्पष्ट कर दिया है कि जो कोई भी पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पाया गया, तो उसके खिलाफ किसी भी प्रकार की कड़ी कार्रवाई करने से गुरेज नहीं किया जाएगा। बहरहाल, अब आगामी दिनों में महाराष्ट्र की राजनीति में क्या कुछ परिवर्तन देखने को मिलते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।