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चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के 100 साल पूरे होने के जश्न में शामिल हुए लेफ्ट नेता, भड़की BJP, कहा- ये देश के साथ विश्वासघात है

Communist Party of China: बीजेपी सांसद दिलीप घोष ने कड़ी आपत्ति जताते हुए लेफ्ट दलों की देश के प्रति निष्ठा पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि कम्युनिस्ट पार्टियों की फितरत रही है भारतीय परंपराओं और संस्कृति को खारिज करना।

नई दिल्ली। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के 100 साल पूरे होने पर मनाए जा रहे जश्न में लेफ्ट नेताओं के शामिल होने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। बता दें कि लेफ्ट और डीएमके के कुछ सांसदों ने दिल्ली में एक कार्यक्रम में भाग लिया। जिसपर भारतीय जनता पार्टी की तरफ से कड़ी आपत्ति जताई गई है। इस कार्यक्रम में लेफ्ट के नेता दिल्ली में स्थित चीनी दूतावास में पहुंचे थे, जहां पर चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के 100 साल पूरा होने पर कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इसको लेकर न्यूज एजेंसी एएनआई ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि, ये लोग मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे थे। इस कार्यक्रम में सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी, सीपीआई के जनरल सेक्रेटरी डी राजा, लोकसभा सांसद डॉ. एस. सेंथिलकुमार भी शामिल हुए थे। इसके अलावा ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक के जी. देवराजन पहुंचे थे।

इसको लेकर बीजेपी सांसद दिलीप घोष ने कड़ी आपत्ति जताते हुए लेफ्ट दलों की देश के प्रति निष्ठा पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि कम्युनिस्ट पार्टियों की फितरत रही है भारतीय परंपराओं और संस्कृति को खारिज करना। यहां तक कि कम्युनिस्ट पार्टियां चीन के साथ जंग में भी भारत के बजाय उसके साथ खड़ी थीं।

वहीं जब इस कार्यक्रम में जाने को लेकर कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के महासचिव डी राजा से सवाल किया गया तो उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, ‘यह कार्यक्रम कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के 100 साल होने पर आयोजित किया गया था। इसको लेकर दो दिन पहले वर्चुअल मीटिंग थी जिसमें मैं और सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी शामिल हुए थे। इसमें भारत में चीन के राजदूत सुन वीडोंग, काउंसलर डु जियालिन ने हिस्सा लिया और हमने पार्टी के 100 साल पूरे होने पर बधाई और शुभकामनाएं दीं।

इसको लेकर भाजपा की तरफ से कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा गया है कि, ‘यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ भारत की कम्युनिस्ट पार्टियां वेबिनार के जरिए संपर्क में हैं। पहले तो यह साफ करें कि वह देश के साथ हैं कि चीन के साथ? इस तरह के कार्यक्रम में शामिल होना देश के साथ विश्वासघात है।’