नई दिल्ली। आज गणतंत्र दिवस की परेड में 16 मार्चिंग दस्ते देश की आन, बान और शान दिखाने जा रहे हैं। इन दस्तों में 6 सेना, एक नौसेना, एक वायुसेना, 4 केंद्रीय बलों के, 2 एनसीसी, 1 दिल्ली पुलिस और 1 एनएसएस के होंगे। इनके अलावा 27 बैंड भी अलग-अलग धुनें सुनाएंगे। इस बार परेड में सेना की अलग-अलग दौर की वर्दी और हथियार भी दिखेंगे। 1950 के दशक के टैंक और रायफल से लेकर आधुनिक टैंक और हथियार आज के परेड में दिखेंगे। परेड राजपथ से नेशनल स्टेडियम तक, जबकि, झांकियां लाल किले तक जाएंगी। मार्चिंग दस्तों में संख्या 144 की बजाय 96 रहेगी।
परेड में सबसे पहला दस्ता राजपूत रेजिमेंट का होगा। ये दस्ता 1950 के दशक की वर्दी में होगा। इस दस्ते के जवानों के हाथ में .303 रायफल होगी। दूसरा दस्ता असम रेजिमेंट का होगा। ये दस्ता 1960 के दशक की यूनिफॉर्म में होगा और इनके हाथ में भी .303 रायफल होगी। तीसरा दस्ता जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फेंट्री का होगा। इस दस्ते के जवान 1970 के दशक की यूनिफॉर्म और हाथ में 7.62 एमएम सेल्फ लोडिंग रायफल लेकर मार्च करेंगे।
चौथा और पांचवां दस्ता सिख लाइट इन्फेंट्री और आर्मी ऑर्डिनेंस कोर के होंगे। ये दस्ते आर्मी की अभी की वर्दी में होंगे। इनके हाथ में इंसास रायफल होंगी। सेना का आखिरी दस्ता पैराशूट रेजिमेंट यानी लाल टोपी पहने जवानों का होगा। इसके जवान सेना की नई कॉम्बैट यूनिफॉर्म में और हाथों में अत्याधुनिक टेवॉर रायफल लेकर अपने अनोखे तरीके से मार्च करते आपको दिखेंगे। गणतंत्र दिवस परेड में आज आप देख सकेंगे कि किस तरह वक्त के साथ सेना की वर्दी और हथियारों में बदलाव आए हैं। इस बार परेड में 1965 और 1971 के पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में इस्तेमाल टैंकों के अलावा आधुनिक टैंक भी राजपथ पर सलामी देते नजर आएंगे।