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Madhya Pradesh: चाय पर ट्वीट करना दिग्विजय सिंह को पड़ा भारी, यूजर्स जमकर कर रहे ट्रोल

Madhya Pradesh: दिग्विजय सिंह का ये ट्वीट नरेंद्र मोदी पर वार था क्योंकि उन्हें बहुत सालों से चाय से जोड़ा जाता रहा है। ये भी कहा जाता है कि पीएम मोदी पहले चाय भी बेचते थे। साल 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान एक कैंपेन भी डिजाइन किया गया था जिसका नाम ‘चाय पर चर्चा’ रखा गया था तब से चाय का मुद्दा चर्चा में रहता है।

नई दिल्ली। अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मारने वाली कहावत तो आपने सुनी ही होगी। इस कहावत का अर्थ होता है अपना नुकसान खुद के हाथों करवाना। ऐसा ही कुछ हुआ है मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में से एक दिग्विजय सिंह (Congress Leader Digvijay Singh) के साथ जिनपर ये कहावत बिलकुल सही बैठ रही है। दरअसल, दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस मीडिया सेल के उपाध्यक्ष बलराम चौधरी की पंक्तियों को ट्वीट कर इशारों ही इशारों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) पर निशाना साधा। लेकिन उनका ये दांव उन्हीं पर भारी पड़ गया।

दिग्विजय सिंह ने अपने ट्वीट पर लिखा, “कहते है शराबी नशे में सारा घर जमीन बेच देता है, लेकिन चाय में कौन सा नशा है जो पूरा देश बेच रहा है।”

फिर क्या था ट्विटर पर जैसे ही यूजर्स ने ये ट्वीट देखा वो भड़क उठे और दिग्विजय सिंह के खिलाफ मोर्चा ही खोल दिया। दिग्विजय सिंह के इस ट्वीट पर कई यूजर्स ने प्रतिक्रिया देते हुए उनकी क्लास लगाई। रणवीर सिंह नाम के एक यूर्जर ने लिखा, ‘चाय बेचने से नशा नहीं होता है नेता जी, नशा होता है चाय पीने से। फिर बोलते हो कि जनता कांग्रेस को वोट क्यों नहीं देती है।’

दया शंकर नाम के यूजर ने लिखा, ‘1947 में, कौन सा नशा चढ़ा था, आधा हिंदुस्तान बेच दिया, तब नरेंद्र मोदी जी भी नहीं थे।’वहीं एक दूसरे यूजर@KiranSi15829398 ने लिखा, ‘वही नशा जो आप अपने पप्पू को अध्यक्ष बनाने के लिए करते हो।’ इसके अलावा एक यूजर (@DrAmitSingh001) ने तो यहां तक लिख दिया कि ‘समीक्षा के बाद मैं इस नतीज़े पर पहुंचा कि शराब का नशा बेहतर है काका सा।’

आपको बता दें, दिग्विजय सिंह का ये ट्वीट नरेंद्र मोदी पर वार था क्योंकि उन्हें बहुत सालों से चाय से जोड़ा जाता रहा है। ये भी कहा जाता है कि पीएम मोदी पहले चाय भी बेचते थे। साल 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान एक कैंपेन भी डिजाइन किया गया था जिसका नाम ‘चाय पर चर्चा’ रखा गया था तब से चाय का मुद्दा चर्चा में रहता है।