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Maharashtra : उद्धव सरकार में बदइंतजामी की खुली पोल, एंबुलेंस न मिलने पर पत्नी को कंधे पर लादकर अस्पताल के लिए निकल पड़ा शख्स

Maharashtra: नंदुरबार जिले के तलोदा के चांदसवाली आदिवासी गांव की रहने वाली सिदलीबाई के पेट में अचानक से तेज दर्द शुरू हो गया। जिसके बाद गांव के लोगों ने उसके पति को बीमार महिला को बड़े अस्पताल में ले जाने की सलाह दी। यह अस्पताल गांव से करीब 30 किलोमीटर दूर था

नई दिल्ली। महाराष्ट्र के नंदूरबार में भी दाना मांझी जैसा मामला देखने को मिला है। यहां भी कोई सुविधा न मिलने की वजह से एक शख्स ने अपनी पत्नी कंधे पर उठाया और कई किलोमीटर तक पैदल ले गए। यहां फर्क सिर्फ इतना था कि दाना मांझी के कंधे पर उनकी पत्नी का शव था और नंदूरबार में यह शख्स अपनी जिंदा पत्नी को इलाज के लिए कंधे पर उठाकर अस्पताल ले जा रहा था, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसकी पत्नी की मौत हो गई। दरअसल महाराष्ट्र के नंदुरबार में  सड़क खराब होने की वजह से शख्स को मूलभूत सुविधा भी नहीं मिल पाई, जिसके बाद पति अपनी बीमार पत्नी को कंधे पर लादकर अस्पताल ले जा रहा था। लेकिन समय पर अस्पताल ना पहुंचने की वजह से उसकी बीमार पत्नी की मौत हो गई।

यह मामला दरअसल 9 सितंबर का है, जब नंदुरबार जिले के तलोदा के चांदसवाली आदिवासी गांव की रहने वाली सिदलीबाई के पेट में अचानक से तेज दर्द शुरू हो गया। जिसके बाद गांव के लोगों ने उसके पति को बीमार महिला को बड़े अस्पताल में ले जाने की सलाह दी। यह अस्पताल गांव से करीब 30 किलोमीटर दूर था, वहीं मौसम खराब होने की वजह से खराब सड़क होने की वजह से एम्बुलेंस गांव तक नहीं पहुंच पा रही थी। ऐसे में पति ने स्कूटर से ही पत्नी को ले जाने का फैसला किया।

पत्नी को कंधे पर अस्पताल ले गया पति

पति अपनी पत्नी को स्कूटर से अस्पताल ले जा रहा था, कि कुछ दूर चलने के बाद पहाड़ियों से लैंडस्लाइड हो गया जिसकी वजह से सड़क पर मलबा गिर गया और सड़क जाम हो गई। ऐसे में स्कूटर से अस्पताल तक जा पाना असंभव था, तो पति ने अपनी पत्नी को कंधे पर लादकर पत्नी को अस्पताल ले जाने का फैसला किया। पति जान सिंह कंधे पर पत्नी को लादकर कुछ दूर ही चल पाया था, कि उसकी पत्नी ने दर्द में तड़पते-तड़पते दम तोड़ दिया। इस दर्दनाक दृश्य को कुछ लोगों ने अपने मोबाइल पर भी कैद कर लिया। हालांकि, जब तक कोई मदद पहुंचाता, तब तक सिदलीबाई की मौत हो गई थी।

सड़क पर रोता रहा जान सिंह

जान सिंह ने अपनी पत्नी को बचाने की लाख कोशिशों की लेकिन इसके बाद भी वह अपनी पत्नी को बचा नहीं पाया। सिदलीबाई ने अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया था। ऐसे में वह शव को सड़क पर रखकर फूट-फूटकर रोने लगा। इस हृदयविदारक दृश्य को देखकर वहां मौजूद सभी लोगों की आंखे भर आई।

ऐसे में सवाल यह उठता है कि उद्धव सरकार के राज में जब लोगों को मूलभूत सुविधाएं ही नहीं मिल पा रही है। तो किस तरह सरकार के वादों पर भरोसा किया जाए। क्योंकि एक ओर जहां सराकर के बड़े-बड़े वादे हैं तो वहीं दूसरी ओर राज्य में लोगों की ऐसी अवस्था दिखने को मिल रही है, जिसे देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि क्या सरकार यही दिन दिखाने के लिए राज्य में शासन कर रही है।