नई दिल्ली। महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों सरगर्मियों चरम पर देखी जा रही है। इस बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस और एनसीपी की ओर से किए जा रहे कार्यों पर खास टिप्पणी की है। दरअसल, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि वो राजनीतिक रूप से भले ही कांग्रेस पार्टी और एनसीपी के खिलाफ हो लेकिन उनके विचार कांग्रेस के अच्छे कामों के खिलाफ नहीं है इसके साथ ही मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि वह राजनीति रूप से कांग्रेस पार्टी और एनसीपी के खिलाफ है, लेकिन इसका ये मतलब बिल्कुल नहीं कि वो कांग्रेस के अच्छे कामों को भी गलत ठहरा दें। उद्धव ठाकरे ने अपनी बात को पूरा करते हुए ये कहा कि, ऐसा ना तो उनके विचार हैं और ना ही ना हीं बालासाहेब के ऐसे विचार रहे हैं।
उद्धव ठाकरे पर पटोले का बयान
बता दें कि महाराष्ट्र कांग्रेस के मंत्री पटोले आए दिन ठाकरे सरकार में सत्ता की साझेदार शिवसेना और एनसीपी पर निशाना साधते हुए देखे जाते रहे है। जिस वजह से सियासी हलकों में भी चर्चा छिड़ ही जाती है। ठाकरे सरकार के घटक दलों में इन दिनों मतभेद होने की खबरे भी सामने आ रही है। जिसक बाद से माना जा रहा है कि सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो गई है।
पटोले ने खड़ा किया विवाद
हाल ही में कांग्रेस सरकार ने नेता पटोले ने नया विवाद खड़ा किया दिया है। दरअसल पटोले ने हाल ही में लोनावाला में पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। जहां उन्होने कहा कि, सीएम उद्धव ठाकरे और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार मेरी निगरानी कर रहे हैं। उन्हें पता है कि मैं क्या कर रहा हूं। पटोले का कहना था कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि एनसीपी और शिवसेना डरे हुए हैं। कांग्रेस जमीन पर ताकतवर हो रही है। पटोले ने अजीत पवार पर निशाना साधते हुए यहां तक कह डाला कि वह पुणे के प्रभारी मंत्री हैं लेकिन कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का काम नहीं करते।
पटोले ने बीजेपी पर लगाए आरोप
कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पटोले ने कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए कहा कि वे अपना गुस्सा सहेजकर रखें ताकि पुणे में कांग्रेस का प्रभारी मंत्री आ सके। पटोले के इस बयान पर विवाद खड़ा हो गया जिसके बाद उन्होंने कहा कि उनके बयान को गलत संदर्भ में लिया गया। वह तो बीजेपी पर निशाना साध रहे थे क्योंकि बीजेपी के कार्यकाल में उनके फोन टेप किया गए थे।