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महाराष्ट्र में कांग्रेस ने मानी गठबंधन में पड़ गई है ‘गांठ’, महाराष्ट्र विकास आघाडी में सबकुछ ठीक नहीं

महाराष्ट्र में शिवसेना नीत महाराष्ट्र विकास आघाडी सरकार में तनाव के संकेत दिख रहे हैं, जहां गठबंधन की तीन सहयोगियों में से एक कांग्रेस, प्रमुख निर्णय लेने की प्रक्रिया और महत्वपूर्ण बैठकों में खुद को शामिल कराने का प्रयास कर रही है।

नई दिल्ली। महाराष्ट्र में महाराष्ट्र विकास आघाडी की सरकार है जिसके प्रमुख घटक दलों में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी हैं। लेकिन कांग्रेस की तरफ से लगातार असंतोष जाहिर किया जाता रहा है। कोविड-19 से जंग जीतकर वापस लौटे महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने मान लिया है कि राज्य की गठबंधन सरकार में शामिल दलों के बीच कुछ ‘टकराव’ हैं, जिसको लेकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकर से मुलाकात की मांग की गई है। ऐसे में स्पष्ट हो गया है कि महाराष्ट्र विकास आघाडी की कमान भले उद्धव के हाथों में हो लेकिन सरकार के कई ऐसे फैसले हैं जिसमें कांग्रेस की शिकायत है कि उनके लोगों से ना तो इश बाते में राय ली जाती है ना बैठकों में शामिल होने के लिए बुलाया जाता है। ऐसे में पार्टी के लोग सरकार और इस गठबंधन से नाराज चल रहे हैं। जिसकी वजह से महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार के बने रहने पर संशय की स्थिति बनी हुई है।

Ashok Chavan

महाराष्ट्र में शिवसेना नीत महाराष्ट्र विकास आघाडी सरकार में तनाव के संकेत दिख रहे हैं, जहां गठबंधन की तीन सहयोगियों में से एक कांग्रेस, प्रमुख निर्णय लेने की प्रक्रिया और महत्वपूर्ण बैठकों में खुद को शामिल कराने का प्रयास कर रही है। इसको लेकर कल मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ कांग्रेस नेताओं की बैठक होनेवाली है। जिसे लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने कहा कि कुछ मुद्दे हैं। हम अपने सभी मुद्दों पर विस्तार से चर्चा करने के लिए सीएम से मिलने की कोशिश कर रहे हैं। हम उम्मीद करते हैं कि अगले दो दिन में उनके साथ बैठक होगी।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और राजस्व मंत्री बाला साहब थोराट की अगुआई में मंत्री सीएम ठाकरे से मुलाकात करेंगे। कांग्रेस को अहम बैठकों में ना बुलाए जाने और बड़े फैसलों में पार्टी की भूमिका कम होने की शिकायत के साथ उद्धव ठाकरे से मिलनेवाली है।

ashok chauhan

इधर इंडियन एक्सप्रेस को दिए अपने साक्षात्कार में महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने कहा कि ऐसे तो सरकार के गठबंधन दलों के बीच कोई दरार नहीं है। लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और मंत्रियों के बीच यह भावना बढ़ रही है कि पार्टी को सरकार में उचित भागीदारी नहीं मिल रही है। उन्होंने कहा कि गठबंधन में सभी पक्ष समान होने चाहिए। आखिरकार, सरकार बनी क्योंकि तीनों एक साथ आए थे। उन्होंने आगे कहा कि हमारे कुछ मंत्रियों के बीच एक भावना है कि उन्हें सुना या संबोधित नहीं किया जा रहा है। हम इन मुद्दों को सीएम के साथ उठाएंगे। मुझे विश्वास है कि वह हमारी बात को ध्यान से सुनेंगे और इन मुद्दों को हल किया जाएगा।

sonia uddhav sharad

अशोक चव्हाण ने आगे कहा कि तीनों दलों द्वारा प्रतिनिधित्व वाले निर्वाचन क्षेत्रों के विकास निधि वितरण में भी कुछ असमानता है, हालांकि मेरे पास सटीक विवरण नहीं है। लेकिन हर विधायक अपने क्षेत्र में विकास के कार्यों को आगे बढ़ाना चाहता है। ऐसे में यह भी एक मुद्दा है।

ashok chauhan

चवहाण ने आगे कहा कि पार्टियों के बीच सत्ता-बंटवारे का फॉर्मूला और विभागों का बंटवारा एक राजनीतिक निर्णय था जिसे सभी पक्षों ने अंतिम रूप दिया। इसका सम्मान किया जाना चाहिए। कुछ भी जो इसे बदलता है या प्रभावित करता है, जाहिर तौर पर एक विवादास्पद बिंदु बन जाएगा। यह सभी पक्षों के साथ परामर्श और आम सहमति के बिना नहीं किया जाना चाहिए। आगे चव्हाण ने कहा कि मंत्रियों से अधिक, मुझे व्यक्तिगत रूप से लगता है कि नौकरशाही का एक वर्ग है जो दरार पैदा करने की कोशिश कर रहा है। लेकिन राजनीतिक नेतृत्व परिपक्व है।

Sonia Gandhi Sharad Pawar Uddhav

चव्हाण ने आगे कहा कि हमने कोई राजनीतिक जमीन नहीं खोई है। हम सिर्फ यह स्पष्ट कर रहे हैं कि हमारी पार्टी को उसका हक मिलना चाहिए। भाजपा को किसी भी कीमत पर सत्ता से बाहर रखने का हमारा उद्देश्य हमारी कमजोरी के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। इस सरकार के गठन के लिए तीनों दलों ने हाथ मिलाया है। ऐसे में समन्वय समीति की बैठक अगर ज्यादा होगी तो इस सारे मसलों को हल करने में ज्यादा मदद मिलेगी।

ऐसे में यह स्पष्ट हो गया है कि महाराष्ट्र में महाराष्ट्र विकास आघाडी गठबंधन के बीच सबकुछ सामान्य नहीं है।