नई दिल्ली। ममता बनर्जी ने मोदी विरोधी विपक्ष के नेताओं के माथे पर चिंता की लकीरें डाल दी हैं। वजह है विपक्ष की आज हुई बैठक में उनकी पार्टी का नदारद रहना। TMC सुप्रीमो के इस कदम से राहुल गांधी समेत विपक्ष के बड़े नेताओं के माथे पर शिकन जरूर पड़ गई होगी। दरअसल, राहुल गांधी ने आज सुबह विपक्ष के नेताओं की बैठक बुलाई थी। राहुल ने तय किया था कि विपक्ष के सारे नेताओं के साथ मिलकर नाश्ता करेंगे, रणनीति बनाएंगे और फिर संसद सत्र को जल्दी खत्म किए जाने के खिलाफ मार्च करेंगे। विपक्ष के नेता एक-एक कर इस मीटिंग में तो आए, लेकिन काफी इंतजार करने के बाद भी ममता की पार्टी का कोई नेता मीटिंग में शामिल नहीं हुआ।
इससे पहले, बुधवार को विपक्ष की बैठक के दौरान टीएमसी की ओर से उसके सांसद डेरेक ओ ब्रायन मौजूद थे, लेकिन रात बीतते-बीतते ममता की पार्टी का नया रुख आने से विपक्ष के खेमे में खलबली मच गई। बता दें कि मायावती की पार्टी बीएसपी और अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी का कोई भी नेता विपक्ष की किसी बैठक में अब तक शामिल नहीं हुआ है। अब ममता की पार्टी का भी किनारा कसना विपक्ष के लिए भारी पड़ सकता है।
ममता बनर्जी बीते दिनों दिल्ली आई थीं। उन्होंने सोनिया और राहुल गांधी समेत विपक्ष के कई नेताओं से मुलाकात भी की थी। हालांकि, तब शरद पवार समेत विपक्ष के कुछ नेता उनसे नहीं मिले थे। ममता के दौरे के बाद ही टीएमसी की तरफ से उन्हें विपक्ष का सर्वमान्य नेता बताया जाने लगा था। वहीं, कांग्रेस के सांसद प्रवीर भट्टाचार्य ने सोनिया को विपक्ष का नेतृत्व करने के लायक अकेला नेता बताया था।