नई दिल्ली। सत्ता की चकाचौंध से महरूम विपक्ष दलों के नेता जिस विपक्षी एकता के सहारे पीएम मोदी की करिशमाई रहनुमाई को बौना साबित कर खुद की बादशाहत कायम करने की जद्दोजहद में मसरूफ हैं, अफसोस की यही एकता अब पीएम मोदी की करिशाई रहनुमाई के आगे धराशायी हो चुकी है। कल तक पीएम मोदी के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले यही सियासी सूरमा अब पीएम मोदी के नाम तारीफों के कसीदे पढ़ रहे हैं। देर ही सही मगर इन्हें पीएम मोदी की सियासी कुव्वत का अंदाजा हो चुका है। लिहाजा कल तक पीएम मोदी के खिलाफ मोर्चा खोलने की कारस्तानी रचने वाले ये तथाकथित सियासी सूरमा अब आपस ही में आरोप-प्रत्यारोप का खेल खेल रहे हैं। जिसकी शुरूआत पीएम मोदी पर तीखे हमले करने के लिए जाने जाने वालीं ममता बनर्जी ने की है। गोवा के चुनाव में अपनी गोटियां फिट करने वालीं ममता ने पीएम मोदी के नाम तारीफों के कसीदे पढ़ते हुए कांग्रेस को जमकर लताड़ लगाई।
ममता ने कहा कि कांग्रेस की गलतियों के नतीजतन ही पीएम मोदी के सामार्थ्य में दिन ब दिन इजाफा हो रहा है। उनका सियासी रसूख लगातार विराट होता जा रहा है। अगर कांग्रेस ने समय पर मुनासिब कदम उठाए होते, तो पीएम मोदी का सियासी कद इतना न बढ़ पाता, लेकिन अफसोस कांग्रेस की गलतियों का नतीजा आज हम सबको भुगतना पड़ रहा है। वहीं, ममता दीदी के इस बयान से खफा अधीर रंजन चौधरी ने उनके इस रूख को सियासी गद्दारी करार दिया है।
TMC was born out of Congress. If a child tells their mother that she’s finished, it means they’re finished too. You can call them political traitors. They do politics but forget manners & reject their own status. They should’ve seen what party they’re born out of: AR Chowdhury pic.twitter.com/m7oB9cVQ8g
— ANI (@ANI) November 1, 2021
जिसके अब दोनों ही राजनेताओं के बीच वाक युद्ध चरम पर पहुंच चुका है, लेकिन सियासी विश्लेषक इसके पीछे की वजह कुछ और ही बता रहे हैं। माना जा रहा है कि बंगाल चुनाव में जिस तरह से कांग्रेस ने टीएमसी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए चुनाव लड़ा था, यह उसी की प्रतिक्रिया में ममता का रोष है। कुछ लोगों का तो यहां तक कहना है कि अभी ममता दीदी ने अपना ट्रिजर ही दिखाया है। अभी तो ट्रिजर और फिल्म भी देखना बाकी है।
खैर, ममता यहीं नहीं रूकी। उन्होंने अपने तरकश से तीखे बयानों को कांग्रेस पर दागते हुए कहा कि कांग्रेस ने बंगाल में हमारे खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया था। यह यहां हमारा सपोर्ट करेंगे दूसरे जगह हमारे खिलाफ मोर्चा खोल देंगे। यह अलग-अलग नीति नहीं चल सकती है। आम लोगों की सहायता से से यह सरकार बनी है। हम यूपीए छोड़कर आये थे। कांग्रेस ने कभी लड़ाई नहीं की है। अब कांग्रेस पर निर्भर नहीं रहा जा सकता है। कांग्रेस ने समझौता किया है, लेकिन टीएमसी समझौता नहीं करती है। फिलहाल ममता के यह बयान अभी खासा सुर्खियों में हैं। गौरतलब है कि ममता बनर्जी अब बंगाल के इतर अन्य सूबों में भी अपना सियासी दुर्ग स्थापित करने की कोशिश में जुटी हुई है। इसी कड़ी में बीते दिनों वे गोवा में चुनाव प्रचार करने पहुंचीं थीं। अब माना जा रहा है कि गोवा के अलावा वे अन्य राज्यों में भी दस्तक दे सकतीं हैं।