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Maya Gets Jolt: अपने ही गांव बादलपुर में मायावती को लगा झटका, चुनाव में लोगों ने BSP सुप्रीमो का किया ये हाल

विशेषज्ञों का मानना है कि मायावती का चुनाव प्रचार में वक्त पर न उतरना और कई इलाकों में न जाना भी बीएसपी पर भारी पड़ा है। वहीं, मायावती अपनी हार की वजह मीडिया में बीएसपी के खिलाफ खबरों और मुसलमानों का सपा के साथ जाने को बता रही हैं।

लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी दुर्गति बीएसपी  की हुई है। सिर्फ 12.9 फीसदी वोट और 1 करोड़ से ज्यादा वोट जुटाकर भी पार्टी को महज 1 सीट पर ही जीत हासिल हुई। इस पर भी सबसे बड़ी खबर ये है कि मायावती के ग्रेटर नोएडा स्थित गांव बादलपुर के ही लोगों ने बीएसपी से किनारा कर लिया। यहां से मायावती की बीएसपी को शिकस्त मिली। जबकि, बीजेपी ने बादलपुर के सबसे ज्यादा वोट हासिल किए। बादलपुर से बीजेपी को 631 वोट मिले। जबकि बीएसपी को 455 और सपा को 451 वोट ही हासिल हुए। इससे पहली बार बीजेपी ने मायावती के गांव में सेंधमारी करने में सफलता हासिल कर ली।

बादलपुर से ही बीएसपी को मिली शिकस्त ने साफ कर दिया है कि मायावती का रसूख अपने गांव के लोगों पर ही कम हो गया है। बीएसपी को 2017 में बादलपुर से 924 वोट मिले थे। जबकि, सपा की हवा के दौरान भी साल 2012 में पार्टी के उम्मीदवार को बादलपुर के 1245 लोगों ने वोट दिया था। एक और खास बात ये कि नोएडा की तीन सीटों पर बीएसपी के उम्मीदवार धराशायी हो गए। यहां तक कि नोएडा सीट पर बीजेपी के पंकज सिंह ने 1 लाख 60 हजार से ज्यादा वोट से जीत भी बीजेपी के नाम दर्ज करा दी।

satish chandra mishra and mayawati

विशेषज्ञों का मानना है कि मायावती का चुनाव प्रचार में वक्त पर न उतरना और कई इलाकों में न जाना भी बीएसपी पर भारी पड़ा है। वहीं, मायावती अपनी हार की वजह मीडिया में बीएसपी के खिलाफ खबरों और मुसलमानों का सपा के साथ जाने को बता रही हैं। हकीकत ये है कि मायावती ने इस बार भी दलित और ब्राह्मण कार्ड खेला था और उन्हें उम्मीद थी कि इसके जरिए 2007 में चुनाव जीतने वाला करिश्मा वो इस बार भी दोहरा लेंगी, लेकिन बादलपुर से ही बीएसपी को मिले कम वोट ये साबित करते हैं कि लोगों में उनका जनाधार खिसका है और अब जाति की राजनीति के दिन पूरे हो गए हैं।