नई दिल्ली। हाल ही ने बीजेपी ने राष्ट्रीय कार्यसमिति में बड़ा बदलाव किया। कई बड़े नामों को कार्यसमिति से हटाया गया तो बीजेपी राष्ट्रीय कार्यसमिति में कई बड़े नाम शामिल भी हुए। हालांकि तीन नाम ऐसे थे जो खूब चर्चाओं में रहे। सुब्रह्मण्य स्वामी, वरुण गांधी और मेनका गांधी। मेनका गांधी ने कार्यसमित से हटाये जाने के बाद पहली बार प्रतिक्रिया दी है। दरअसल बीजेपी राष्ट्रीय कार्यसमिति से हटाये जाने के बाद उनकी कोई प्रतिक्रिया सामने नही आई थी तो तरह-तरह के अटकलों का बाजार गर्म था।
“नए लोगों को मौका मिलना चाहिए, इसमें कोई चिंता की बात नही”
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर से सांसद मेनका गांधी ने बीजेपी कार्यसमिति से हटाए जाने पर कहा कि इसमें कोई बड़ी चीज नहीं है और इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ा। हर वर्ष राष्ट्रीय कार्यसमिति बदली जाती है। कार्यसमिति बदलना पार्टी का हक है। मेनका गांधी ने कहा, ”मैं 25 साल से राष्ट्रीय कार्यसमिति में हूं, अगर उसे बदल दिया गया तो कौन सी बड़ी बात है? नए लोगों को मौका मिलना चाहिए, इसमें चिंता करने की कोई बात नहीं है”।
मैं भाजपा में हूं और भाजपा में ही रहूंगी। मैं भाजपा छोड़ने वाली नहीं हूं।- मेनका गांधी
अपने दो दिन के दौरे पर सुल्तानपुर पहुंची मेनका गांधी ने ये भी कहा कि मैं भाजपा में हूं और भाजपा में ही रहूंगी। मैं भाजपा छोड़ने वाली नहीं हूं। कार्यसमिति में किसे रखना है और किसे नहीं यह पार्टी का रूटीन वर्क है। इसमें कुछ नए लोग आते हैं कुछ पुराने लोग बाहर होते हैं यह बात मुझे 6 माह पहले ही पता थी।
दरअसल सात अक्टूबर को बीजेपी के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की घोषणा की थी. जिसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव, दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी कार्यसमिति के नए सदस्य के रूप में शामिल हुए हैं। जबकि केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह, प्रह्लाद पटेल, सुब्रमण्यम स्वामी, सुरेश प्रभु, वसुंधरा राजे, दुष्यंत सिंह, विजय गोयल, विनय कटियार और एसएस अहलूवालिया को राष्ट्रीय कार्यसमिति में जगह नहीं दी गयी। वहीं केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान और निर्मला सीतारमण कार्यसमिति में अभी भी बने हुए हैं।