अयोध्या। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर को लेकर कार्य प्रारंभ हो चुका है। ऐसे में नींव की खुदाई का शुरू हो गया है। बता दें कि सोमवार को इस खुदाई को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई। दरअसल मंदिर की नींव को लेकर जो खुदाई हो रही है, उसमें कई प्राचीन अवशेष मिले हैं। जिसमें सीता रसोई का प्राचीन सिलबट्टा भी शामिल है। इसको लेकर लोगों में कौतूहल का माहौल बना हुआ है। दरअसल राम मंदिर को लेकर लोगों की जिस तरह से आस्था है, उसे देखते हुए खुदाई में प्राप्त हो रहे मंदिरों से संबंधित प्राचीन अवशेष अयोध्या में पूर्व में मंदिर होने का प्रमाण दे रहे हैं। मिले नए अवशेषों में सीता रसोई का प्राचीन सिलबट्टा, चौका बेलना, लकड़ी की प्राचीन चरणपादुका, प्राचीन खंडित प्रतिमाएं और पत्थरों के प्राचीन अवशेष मिले हैं।
इसके अलावा अच्छी खबर ये है कि, इस खुदाई में 20 फीट गहराई के बाद अव्वल दर्जे की मिट्टी मिली है। जिसके बाद अब मंदिर की नींव डाली जा सकेगी। बता दें कि इससे पहले नींव के लिए अच्छी मिट्टी ना मिलने के कारण नींव डालने में देरी हो रही थी। लेकिन अब माना जा रहा है कि 20 फीट गहराई के बाद अव्वल दर्जे की मिट्टी प्राप्त हुई है।
मंदिर निर्माण कार्य पर गौर करें तो इन दिनों मंदिर परिसर में नींव की खुदाई का काम तेजी से जारी है। विशाल राम मंदिर के निर्माण के लिए 40 फीट गहरी नींव खोदी जा रही है।
फिलहाल खुदाई में मिले प्राचीन अवशेषों को लेकर अभी कोई साफ जानकारी नहीं मिली है कि वह मूर्तियां किसकी हैं। खुदाई में मिली अब तक हर एक चीज और अवशेषों को ट्रस्ट ने सुरक्षित रखवाया है। ट्रस्ट का कहना है कि अभी इन्हें एक जगह एकत्रित किया जा रहा है और बाद में इन सभी अवशेषों की पुरातात्विक जांच हो पाएगी।
गौतरलब है कि इससे पहले जब रामजन्मभूमि परिसर का समतलीकरण का कार्य पिछले साल मई में किया जा रहा था, तो उस समय भी बड़ी मात्रा में खुदाई के दौरान प्राचीन अवशेष मिले थे।इस दौरान ट्रस्ट को कई पुरातात्विक मूर्तियां, खंभे और चार फीट का शिवलिंग मिला था। इसके अलावा देवी-देवताओं की खंडित मूर्तियों सहित सात ब्लैक टच स्टोन के स्तंभ, छह रेड सैंडस्टोन के स्तंभ भी मिले थे।