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Karnataka: सरकारी स्कूल शिक्षक ने की सिद्धारमैया सरकार की आलोचना तो नौकरी से धोना पड़ा हाथ, विभाग ने किया निलंबित

Karnataka: मामला चित्रदुर्ग जिले के होसदुर्गा  के कानुबनहल्ली के एक सरकारी स्कूल का है, जहां शांतामूर्ति एमजी नाम के शिक्षक कार्यरत थे। शपथ ग्रहण समारोह के बाद शांति मूर्ति एमजी ने सोशल मीडिया के जरिए सिद्धारमैया सरकार पर तंज कसते हुए निशाना साधा था

नई दिल्ली। सिद्धारमैया कर्नाटक में सीएम के तौर पर अपनी नई पारी शुरू कर चुके हैं। बीते शनिवार को सिद्धारमैया ने अपने आठ मंत्रियों के साथ शपथ ली। हालांकि कर्नाटक की सत्ता संभालते ही एक स्कूल टीचर ने सरकार की आलोचना की तो, उसे नौकरी से ही निकाल दिया गया। ये मामला कर्नाटक के ही सरकारी स्कूल का है, जहां शिक्षक ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए सरकार पर तंज कसा लेकिन बाद में उसे नौकरी से निकाल दिया गया। तो चलिए जानते हैं कि पूरा मामला क्या है और किस अधिनियम के उल्लंघन के बाद शिक्षक को निलंबित किया गया।

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पोस्ट में शिक्षक ने क्या लिखा

मामला चित्रदुर्ग जिले के होसदुर्गा  के कानुबनहल्ली के एक सरकारी स्कूल का है, जहां शांतामूर्ति एमजी नाम के शिक्षक कार्यरत थे। शपथ ग्रहण समारोह के बाद शांति मूर्ति एमजी ने सोशल मीडिया के जरिए सिद्धारमैया सरकार पर तंज कसते हुए निशाना साधा था लेकिन उन्हें क्या पता था कि उन्हें ये पोस्ट इतनी भारी पड़ने वाली है कि नौकरी तक से हाथ धोना पड़ सकता है। दरअसल शिक्षक ने पोस्ट में सरकार की वित्तीय नीतियों की आलोचना की थी। उन्होंने फेसबुक पर लिखा था- पूर्व एसएम कृष्णा के कार्यकाल के दौरान एसएम कृष्णा ने 3,590 करोड़ रुपये, एचडी कुमारस्वामी ने 3,545 करोड़ रुपये,बीएस येदियुरप्पा ने 25,653 करोड़ रुपये, जगदीश शेट्टार ने 13,464 करोड़ रुपये,धर्म सिंह 15,635 करोड़ रुपये और डीवी सदानंद गौड़ा ने 9,464 करोड़ रुपये का ऋण लिया था, जबकि सिद्धारमैया ने 2,42,000 करोड़ रुपये का ऋण लिया था। एसएम कृष्णा के समय से लेकर शेट्टार तक मुख्यमंत्रियों ने कुल 71,331 करोड़ रुपये ऋण लिया लेकिन सिद्धारमैया के कार्यकाल में लोन की राशि 2,42,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गई।

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सिद्धारमैया सरकार पर कसा तंज

शिक्षक ने तंज कसते हुए लिखा- इसलिए सिद्धारमैया सरकार के लिए मुफ्त योजनाओं और गिफ्ट की घोषणा करना बेहद आसान रहा है। इस पोस्ट के सामने आते ही शिक्षक पर कार्रवाई की गई और उसे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। दुर्ग जिले के उप निदेशक के रविशंकर रेड्डी ने कहा कि शिक्षक ने कर्नाटक सिविल सेवा (आचरण) नियमों का उल्लंघन किया है जिसके बाद विभाग ने निलंबित करने का फैसला लिया है।