नई दिल्ली। इस वक्त इस्लाम और हिजाब को लेकर बवाल अपने चरम पर है। भले ही इस मामले पर कोर्ट में सुनवाई चल रही हो लेकिन एक के बाद एक राजनीतिक दल भी अब इस मामले को भुनाकर अपनी राजनीतिक साख चमकाने में लगे हैं। इस बीच अब हिंदुओं और राम मंदिर के खिलाफ भड़काऊ बयान देने के लिए प्रसिद्ध ‘ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन’ के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी ने बुर्का और हिजाब विवाद पर ऐसा विवादित बयान दे दिया है जिसके बाद इस मामले पर राजनीति और गर्मा सकती है।
मौलाना साजिद रशीदी ने कर्नाटक कॉलेजों में चल रहे बुर्का और हिजाब विवाद पर बयान देते हुए कहा है कि इस्लाम में हिजाब इस्लाम का ड्रेस कोड है। ऐसे में महिलाओं को खुद को सुरक्षित और समाज में संरक्षित रखने के लिए रहने के लिए परदे में रहना होगा। इसके अलावा रशीदी ने मुस्लिम पुरुषों से कुर्ता और जालीदार टोपी (Skull Cap) सहित पारंपरिक मुस्लिम पोशाक अपनाने को कहा है। मौलाना साजिद रशीदी ने कर्नाटक के शैक्षणिक संस्थानों पर भारतीय संविधान का पालन नहीं करने का आरोप लगाया और कहा कि मजहब इस्लाम का पालन करना मुसलमानों का मौलिक अधिकार है और इसे पहनना इस्लाम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
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एक्टिविस्ट अंबर जैदी से खास बातचीत के दौरान रशीद ने कहा, “महिलाएँ टॉपलेस होकर कॉलेज, स्कूल जाती हैं तो कोई उनसे सवाल नहीं करता, फिर हिजाब और बुर्का पहनने वाली लड़कियों को क्यों निशाना बनाया जा रहा है।” विवादास्पद मौलवी ने कहा, “जीन्स पहनना, स्कूलों में टॉपलेस होना इस्लाम में अच्छा नहीं माना जाता है। महिलाओं को पर्दा करना चाहिए और पुरुषों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए। उसे टाइट कपड़े नहीं पहनने चाहिए और समाज में पुरुषों के सामने अपने शरीर के अंगों को उजागर नहीं करना चाहिए।”
वहीं, अब जब स्कूल और कॉलेज में टॉपलेस होकर कौन जाता है इसे लेकर सवाल किया गया तो रशीदी ने जवाब देते हुए कहा कि बहुत सारी लड़कियाँ ऐसा करती हैं। उन्होंने कई कॉलेजों में लड़कियों को टॉपलेस और अभद्र कपड़े, जींस पहनकर घूमते हुए देखा है।