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Politics: PM मोदी ने चला है ऐसा दांव, राहुल गांधी तक को करना पड़ रहा ‘अच्छे दिन’ का इंतजार

देश की सत्ता पर काबिज बीजेपी लगातार नए रिकॉर्ड बना रही है। इन रिकॉर्ड में एक नया आंकड़ा भी अब जुड़ गया है। ये रिकॉर्ड है सबसे कम उम्र के नेताओं को राज्यों की कमान देना। जबकि, इनसे ज्यादा उम्र के राहुल गांधी अब भी सरकार संभालने की जिम्मेदारी हासिल तक नहीं कर सके हैं।

नई दिल्ली। देश की सत्ता पर काबिज बीजेपी लगातार नए रिकॉर्ड बना रही है। इन रिकॉर्ड में एक नया आंकड़ा भी अब जुड़ गया है। ये रिकॉर्ड है सबसे कम उम्र के नेताओं को राज्यों की कमान देना। जी हां। बीजेपी जहां भी सत्ता में है, उनमें से ज्यादातर जगह उसके युवा चेहरे सीएम का पद संभाल रहे हैं। जबकि, इनसे ज्यादा उम्र के राहुल गांधी अब भी सरकार संभालने की जिम्मेदारी हासिल तक नहीं कर सके हैं। ये रिकॉर्ड पीएम नरेंद्र मोदी के चले हुए दांव में सबसे जबरदस्त है और विपक्ष इसकी काट खोजने में नाकाम रहा है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की बात करें, तो 2017 में वो महज 45 साल की उम्र में सीएम बन गए थे। अब दोबारा जब उन्होंने पद संभाला है, तो उनकी उम्र 49 साल है। इसी तरह देखा जाए, तो अरुणाचल प्रदेश में बीजेपी के सीएम पेमा खांडू सबसे कम उम्र यानी 42 साल में सीएम हैं। उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी 46 साल के हैं। वहीं, गोवा के सीएम प्रमोद सावंत 48 साल के हैं।

बीजेपी के अलावा दूसरे दलों में भी कम उम्र में सीएम जैसा महत्वपूर्ण पद अब बुजुर्ग नेताओं की बपौती नहीं रह गई है। पंजाब की बात करें, तो 48 साल की उम्र में भगवंत मान ने सीएम पद संभाला है। झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन भी 48 साल के हैं। आंध्र प्रदेश के सीएम जगनमोहन रेड्डी 49 की उम्र के हैं। अगर सबसे कम उम्र के सीएम की बात करें, तो एमओएस फारुख 1967 में सिर्फ 29 साल की उम्र में पुदुचेरी के सीएम बने थे। एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार 38 साल में महाराष्ट्र के सीएम बन गए थे। वहीं, असम में प्रफुल्ल महंत 34 साल में सीएम बने थे।

इसी तरह प्रकाश सिंह बादल ने 1970 में 43 साल की उम्र में सीएम का पद संभाला था। उमर अब्दुल्ला 38 साल की उम्र में साल 2009 में जम्मू-कश्मीर के सीएम बन गए थे। अरविंद केजरीवाल 45 साल में दिल्ली की सत्ता संभाल चुके थे। जबकि, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव जब 2012 में यूपी के सीएम बने थे, तो उनकी उम्र 38 साल थी। खास बात ये है कि कांग्रेस के युवराज कहे जाने वाले और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी 50 की उम्र पार कर चुके हैं और अब तक पार्टी उन्हें पीएम का अगला दावेदार मानती है। जबकि, राहुल ने जबसे सियासत में अपना प्रभाव बढ़ाया है, उनकी पार्टी इस पद के आसपास दूर-दूर तक नहीं दिख रही है।