
नई दिल्ली। एससी, एसटी और ओबीसी जातियों के आरक्षण मुद्दे पर बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) सुप्रीमो मायावती ने एक बार फिर मुखर होते हुए कांग्रेस और राहुल गांधी पर निशाना साधा है। मायावती ने लोगों को कांग्रेस और राहुल गांधी के दोहरे मापदंड से बचने की सलाह दी है। इतना ही नहीं बीएसपी सुप्रीमो ने तो यहां तक कह दिया कि एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण पर राहुल गांधी और कांग्रेस की नीति दोगली और छलकपट की है।
1. कांग्रेस व श्री राहुल गाँधी की SC/ST/OBC आरक्षण नीति स्पष्ट नहीं बल्कि दोगली एवं छलकपट की है। अपने देश में इनके वोट के लिए ये आरक्षण का समर्थन व इसे 50% से ऊपर बढ़ाने की वकालत तथा विदेश में जाकर इनके आरक्षण को खत्म करने की बात करते हैं। इनके इस दोहरे मापदण्ड से लोग सचेत रहें।
— Mayawati (@Mayawati) September 24, 2024
मायावती ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट के जरिए कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर बरसते हुए कहा कि एससी, एसटी और ओबीसी जातियों के लोगों का वोट पाने की खातिर अपने देश में राहुल गांधी इनके आरक्षण का समर्थन करते हैं और इसे 50 प्रतिशत से ऊपर बढ़ाने की वकालत भी करते हैं। मगर जब यही राहुल गांधी विदेश में होते हैं तो वहां जाकर आरक्षण को खत्म करने की बात करते हैं। राहुल गांधी के इस तरह के दोहरे मापदण्ड से लोगों को सचेत रहना चाहिए।
3. तथा ना ही इस मामले में इनकी सरकार ने मा. कोर्ट में सही से पैरवी की। इस आरक्षण विरोधी कांग्रेस व अन्य पार्टियों से भी ये लोग सजग रहें। साथ ही, केन्द्र में रही कांग्रेसी सरकार द्वारा जातीय जनगणना नहीं कराना और अब सत्ता से बाहर होने पर आवाज उठाना, यह सब ढोंग नहीं तो और क्या है?
— Mayawati (@Mayawati) September 24, 2024
बीएसपी सुप्रीमो ने यह भी सच है कि केन्द्र में जब कांग्रेस सरकार थी तब ओबीसी आरक्षण सम्बन्धी मण्डल कमीशन रिपोर्ट लागू नहीं की थी। साथ ही, बीएसपी के संघर्ष से एससी, एसटी के पदोन्नति में आरक्षण को प्रभावी बनाने के लिए संसद में लाए गए संविधान संशोधन बिल को भी कांग्रेस ने पास नहीं होने दिया, जो अभी तक लम्बित है। इस मामले में कांग्रेस की पूर्व सरकार ने कोर्ट में भी सही से पैरवी नहीं की। आरक्षण विरोधी कांग्रेस व अन्य पार्टियों से भी एससी, एसटी और ओबीसी समाज लोग सजग रहें। साथ ही, केन्द्र में रही कांग्रेस सरकार द्वारा जातीय जनगणना नहीं कराना और अब सत्ता से बाहर होने पर इस बारे में आवाज उठाना, यह सब ढोंग नहीं तो और क्या है?