नई दिल्ली। यूपी में योगी सरकार प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने के लिए ‘हर हाथ को काम मिले की नीति’ पर काम कर रही है। इसके लिए योगी सरकार ने इंडियन इंडस्ट्री एसोसिएशन व अन्य औद्योगिक संस्थाओं के साथ एमओयू साइन किया है। इसको लेकर दावा किया जा रहा है कि, 11 लाख 50 हजार लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। हालांकि विपक्ष की तरफ से इसे महज छलावा करार दिया जा रहा है।
आपको बता दें कि रविवार को बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने योगी सरकार द्वारा यूपी में साइन किए गए एमओयू पर एक के बाद एक चार ट्वीट कर योगी सरकार पर निशाना साधा है। मायावती ने अपने पहले ट्वीट में कहा है कि, “चीन छोड़कर भारत आने वाली कम्पनियों की प्रतीक्षा के बजाए केन्द्र व यूपी सरकार को अपने बूते आत्मनिर्भर बनने का प्रयास शुरू करना चाहिए क्योंकि शेनजेन इकोनोमिक जोन जैसी सड़क, पानी, बिजली आदि की फ्री आधारभूत सुविधा व श्रमिकों को कार्यस्थल के पास रहने की व्यवस्था आदि यहाँ कहां है।”
1.चीन छोड़कर भारत आने वाली कम्पनियों की प्रतीक्षा के बजाए केन्द्र व यूपी सरकार को अपने बूते आत्मनिर्भर बनने का प्रयास शुरू करना चाहिए क्योंकि शेनजेन इकोनोमिक जोन जैसी सड़क, पानी, बिजली आदि की फ्री आधारभूत सुविधा व श्रमिकों को कार्यस्थल के पास रहने की व्यवस्था आदि यहाँ कहाँ है।1/4
— Mayawati (@Mayawati) May 31, 2020
दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि, “किन्तु शेनजेन स्पेशल इकोनोमिक ज़ोन जैसी सुविधायें भारतीय उद्यमियों को देकर उनका सदुपयोग उत्कृष्ट वस्तुओं के उत्पादन हेतु सुनिश्चित किया जाए तो उजड़े छोटे व मझोले उद्योग, पीड़ित श्रमिक वर्ग का हित व कल्याण तथा भारत को सही मायने में आत्मनिर्भर बनाना थोड़ा जरूर आसान हो जाए।”
उन्होंने अगले ट्वीट में लिखा है कि, “लाॅकडाउन के कारण बेरोजगारी व बदहाली में घर लौटे सर्वसमाज के लाखों श्रमिकों को जरूरी प्रभावी मदद पहुँचाने के बजाय यूपी में एमओयू हस्ताक्षर व घोषणाओं आदि द्वारा छलावा अभियान एक बार फिर शुरू हो गया है। अति-दुःखद। जनहित के ठोस उपायों के बिना समस्या और विकराल बन जाएगी।”
इस विषय पर मायावती ने अपने अंतिम ट्वीट एमओयू साइन को लेकर लिखा है कि, “अच्छा होता सरकार नया एमओयू करने व फोटो छपवाने से पहले यह बताती कि पिछले वर्षों में साइन किए गए इसी प्रकार के अनेकों एमओयू का क्या हुआ? एमओयू केवल जनता को वरगलाने व फोटो के लिए नहीं हो तो बेहतर है क्योंकि लाखों श्रमिकों को जीने के लिए लोकल स्तर पर रोजगार की प्रतीक्षा है।”
आपको बता दें कि डियन इंड्रस्टीज एसोसियेशन, नरडेको, सीआईआई और यूपी सरकार के बीच नौ लाख 50 हजार कामगारों और श्रमिकों को रोजगार देने पर बड़ा करार किया गया है। यूपी सरकार ने अपने घर वापस लौटे 26 लाख प्रवासी श्रमिकों को रोजगार देने का वादा किया है।