नई दिल्ली। चीन को एक बार फिर से भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से फजीहत झेलनी पड़ी है। दरअसल चीनी दूतावास की तरफ से भारतीय मीडिया को नसीहत देने की कोशिश की गई, इसी को लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय ने करारा जवाब देते हुए चीन को खरी-खरी सुना दी। गौरतलब है कि ताइवान के राष्ट्रीय दिवस से पहले चीन ने भारतीय मीडिया को नसीहत दी थी कि हम वन चाइना पॉलिसी को मानें और उसी के तहत कवरेज दें। इसके पीछे चीन का मकसद था कि, भारतीय मीडिया ‘ताइवान का राष्ट्रीय दिवस’ (National Day of Taiwan) मनाकर या उससे जुड़ी चीजें ना दिखाए। इसी को लेकर सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि ताइवान ने भी आपत्ति जताई है। भारत की तरफ से साफ कहा गया है कि, भारत की मीडिया स्वतंत्र है और जो उसे ठीक लगेगा उस मुद्दे को उठाएगी या दिखाएगी।
बता दें कि भारत की तरफ से यह बयान चीनी दूतावास के उस पत्र के बाद आया है जो भारतीय मीडिया के नाम लिखा गया था। गुरुवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि भारत में मीडिया स्वतंत्र है। उसे जो ठीक लगता है वह वही रिपोर्ट दिखाती है।
वैसे चीन को इस कवरेज से इसलिए भी मिर्ची लगी है क्योंकि ताइवान सरकार की ओर से दिल्ली के दो बड़े अखबारों में राष्ट्रीय दिवस से पहले फुल पेज का विज्ञापन जारी किया गया था। इस विज्ञापन में ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग वेन की एक तस्वीर दिखाई गई थी और एक नारा दिया गया था ‘ताइवान और भारत प्राकृतिक साझेदार हैं’ था। इसको लेकर चीन भड़का हुआ है। चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है और चाहता है कि पूरी दुनिया उसे उसके ही हिस्से के तौर पर स्वीकार करे, हालांकि, ऐसा है नहीं।
चीन की इस बौखलाहट पर भारत से पहले ताइवान के विदेश मंत्री जोसफ वू ने अपने ट्वीट में लिखा था, ‘ताइवान के भारतीय दोस्तों का एक ही जवाब होगा, भाड़ में जाओ!