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Milind Deora Slams on Congress After Joining Shivsena: शिंदे गुट की शिवसेना में शामिल होते ही छलका मिलिंद देवड़ा का दर्द, बताया क्यों देना पड़ा कांग्रेस से इस्तीफा?

Milind Deora Slams on Congress After Joining Shivsena : कांग्रेस अब अपने मूल कर्तव्य से विमुख हो चुकी है। कांग्रेस का मुख्य उद्देश्य अब सिर्फ और सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलना है। उन पर निशाना साधना है।

नई दिल्ली। आगामी लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस से त्यागपत्र देकर शिंदे गुट की शिवसेना का दामन थामने वाले मलिंद देवड़ा ने अपने संबोधन के दौरान कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। देवड़ा ने कहा कि देश की सर्वाधिक पुरानी पार्टी कांग्रेस अब अपने नेताओं को सुझाव को ज्यादा अहमियत नहीं देती है। जो पार्टी कभी अपनी रचनात्मकता के लिए जानी जाती थी। अब वही पार्टी अपने नेताओं के हितों पर कुठाराघात करते हुए निरकुंश व्यवस्था को अपना चुकी है। इन्हीं सब वजहों से मैंने कांग्रेस से त्यागपत्र देने का फैसला किया।

देवड़ा ने आगे कहा कि कांग्रेस अब अपने मूल कर्तव्य से विमुख हो चुकी है। कांग्रेस का मुख्य उद्देश्य अब सिर्फ और सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलना है। उन पर निशाना साधना है। लेकिन पिछले कुछ दिनों से यह देखने को मिल रहा है कि कांग्रेस प्रधानमंत्री पर जितना ज्यादा आक्रमक हो रही है, प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी सियासी मोर्चे पर उतने ही ज्यादा फलीभूत होते जा रहे हैं। मिलिंद ने कहा कि मैं PAIN- (पर्सनल अटैक, इनजस्टिस,नेगेटिविटी की राजनीति में विश्वास नहीं करता। मैं नकारात्मक राजनीति पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं रखता और ना ही कभी आगे रखूंगा। मैं लोगों के लिए काम करने में विश्वास रखता हूं। जिनके पास कोई एजेंडा नहीं है, वो लोग अब राजनीति में सक्रिय हो चुके हैं, जो कि बिल्कुल भी उचित नहीं है। लिहाजा मैंने ऐसे लोगों से दूरी बनाते हुए शिवसेना का दामन थामने का फैसला किया।

देवड़ा ने आगे कहा कि मुझे सुबह से ही फोन आ रहे हैं कि आखिर ऐसा क्या हो गया कि आपने कांग्रेस से 55 साल पुराना रिश्ता तोड़कर शिवसेना का दामन थाम लिया। आखिर इसके पीछे की वजह क्या रही, तो मैं उन सभी लोगों को जवाब देना चाहता हूं कि कांग्रेस आज की तारीख में अपने नेताओं द्वारा दिए जा रहे सियासी सुझाव को बड़े पैमाने पर दरकिनार कर रही है, जिसे ध्यान में रखते हुए मैंने इस्तीफा देने का फैसला किया। अगर कांग्रेस ने रचनात्मक सुझावों को तवज्जो दी होती, तो मैं और शिंदे आज यहां नहीं होते।

बता दें कि मिलिंद देवड़ा ने ऐसे वक्त में कांग्रेस से त्यागपत्र दिया है, जब राहुल गांधी मणिपुर से भारत जोड़ो न्याय यात्रा निकालने जा रहे हैं और कुछ माह बाद लोकसभा के चुनाव भी होने हैं। ऐसे में मिलिंद देवड़ा के कदम के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।

बहरहाल, अब इस पूरी सियासी स्थिति में ये देखना दिलचस्प रहेगा कि जिन राजनीतिक आकांक्षाओं के साथ राहुल ने शिवसेना का दामन थामा है, क्या उनकी वे आकांक्षाएं पूरी हो पाती हैं।