कांग्रेस के विक्रमादित्य सिंह
शिमला। एक तरफ कांग्रेस के दिग्गजों सोनिया गांधी, राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और अधीर रंजन चौधरी ने अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में जाने से इनकार कर दिया है। वहीं, उनकी पार्टी में ही इस फैसले के खिलाफ आवाजें उठ रही हैं। हिमाचल में तो कांग्रेस सरकार में मंत्री और पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए मिले निमंत्रण को सौभाग्य की बात बताते हुए इसमें शिरकत करने का एलान तक कर दिया है।
विक्रमादित्य सिंह ने राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा में निमंत्रण मिलने के बारे में मीडिया को बताया। उन्होंने कहा कि मैं हिमाचल के उन चंद सौभाग्यशाली लोगों में हूं, जिनको प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण मिला है। उन्होंने इसे जीवन में आने वाला एक बार का मौका बताया और इस ऐतिहासिक मौके पर अपने और परिवार को निमंत्रण के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद वीएचपी को धन्यवाद दिया। खास बात ये है कि विक्रमादित्य सिंह की मां प्रतिभा सिंह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी हैं। उनके ही नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव जीता था। सुनिए विक्रमादित्य सिंह ने किस तरह प्राण प्रतिष्ठा के निमंत्रण पर खुशी जताई।
VIDEO | “I am blessed to be one of the few people in Himachal who have received an invitation for ‘Pran Pratishtha’. It’s a once-in-a-lifetime opportunity, and I want to thank Rashtriya Swayamsevak Sangh and Vishwa Hindu Parishad for giving me and my family a chance to be a part… pic.twitter.com/GSOCbNaNUX
— Press Trust of India (@PTI_News) January 11, 2024
बता दें कि इससे पहले कांग्रेस आलाकमान की तरफ से रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए निमंत्रण मिलने के बाद भी शामिल न होने के फैसले पर कांग्रेस के कई नेताओं ने आपत्ति जताई थी। गुजरात कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अर्जुन मोढवढिया और यूपी कांग्रेस के नेता और प्रियंका गांधी वाड्रा के करीबी कहे जाने वाले आचार्य प्रमोद कृष्णम ने ट्वीट कर अपनी नाराजगी जताई थी और फैसले पर सवाल उठाए थे।
भगवान श्री राम आराध्य देव हैं।
यह देशवासियों की आस्था और विश्वास का विषय है। @INCIndia को ऐसे राजनीतिक निर्णय लेने से दूर रहना चाहिए था। pic.twitter.com/yzDTFe9wDc
— Arjun Modhwadia (@arjunmodhwadia) January 10, 2024
श्री राम मंदिर के “निमंत्रण”
को ठुकराना बेहद दुर्भाग्य पूर्ण और आत्मघाती फ़ैसला है,आज दिल टूट गया. @INCIndia— Acharya Pramod (@AcharyaPramodk) January 10, 2024
अब विक्रमादित्य सिंह की तरफ से प्राण प्रतिष्ठा के निमंत्रण को सौभाग्य कहना और आरएसएस और वीएचपी को धन्यवाद देने से कांग्रेस में इस मसले पर अंदरूनी जंग खुलकर सामने आ गई है। ऐसे में सबकी नजर इस पर है कि राम मंदिर के मसले पर पार्टी आलाकमान की तरफ से क्या अपने कदम के बारे में फिर से विचार किया जाता है या नहीं। कांग्रेस आलाकमान के फैसले पर सोशल मीडिया में उसकी किरकिरी भी हो चुकी है। तमाम लोगों ने साफ कहा है कि कांग्रेस ने अपना रामद्रोही चेहरा सामने ला दिया है और लोकसभा चुनाव में उसे फिर इसका खामियाजा भुगतते हुए पराजय का सामना करना होगा।