नई दिल्ली। तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने अपने बेटे उदयनिधि द्वारा सनातन पर दिए गए बयान का बचाव किया है। स्टालिन ने ट्वीट कर कहा कि, ‘माननीय मंत्री उदयस्टालिन भाजपा द्वारा विकृत किए गए ‘नरसंहार’ का आह्वान नहीं किया, बल्कि केवल भेदभाव के खिलाफ बात की। यह देखकर निराशा होती है कि ‘जिम्मेदार’ माननीय प्रधान मंत्री, केंद्रीय मंत्री और भाजपा के मुख्यमंत्री तथ्यों को नजरअंदाज करते हैं और तथ्यों को सत्यापित करने के लिए सभी पहुंच और संसाधन होने के बावजूद फर्जी आख्यानों पर चलते हैं।
Hon’ble Minister @UdhayStalin didn’t call for ‘genocide’ as distorted by BJP, but only spoke against discrimination. Disheartening to see the ‘responsible’ Hon’ble Prime Minister, Union Ministers and BJP Chief Ministers ignore facts and driven on fake narratives despite having… pic.twitter.com/F9yrdGjxqo
— M.K.Stalin (@mkstalin) September 7, 2023
स्टालिन ने इस बात पर जोर दिया कि उनके बेटे उदयनिधि ने कोई विवादित बयान नहीं दिया है, जिसे लेकर इतना हो-हल्ला मचाया जा रहा है, बल्कि उन्होंने सिर्फ हिंदू धर्म में हो रहे भेदभाव के खिलाफ खुलकर आवाज उठाई है, जिसके बाद कुछ लोगों को मिर्ची लग गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में मेरे बेटे के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई। मेरे बेटे का सिर कलम करने की बात कही जा रही है। क्या यूपी सरकार ऐसे धमकीभरे बयान देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने जा रही है।
On Tamil Nadu Minister Udhayanidhi Stalin’s ‘Sanatana Dharma should be eradicated’, Tamil Nadu CM MK Stalin says “He expressed his views on Sanatan principles that discriminate against Scheduled Castes, Tribals, and Women, with no intention to offend any religion or religious… pic.twitter.com/pq2GP0esRp
— ANI (@ANI) September 7, 2023
क्या ऐसे लोगों के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार प्राथमिकी दर्ज करने जा रही है। स्टालिन ने आगे कहा कि यह काफी हैरान करने वाला है कि प्रधानमंत्री कैबिनेट की बैठक में मंत्रियों से अपील करते हैं कि सनातन धर्म पर बयान देने वालों को मुंहतोड़ जवाब दिया जाए। मैं एक बार फिर से इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि मेरे बेटे ने कोई विवादित बयान नहीं दिया है, बल्कि धर्म के अंतर्गत हो रहे भेदभाव के खिलाफ अपनी आवाज उठाई है, लेकिन कुछ लोगों को यह आवाज रास नहीं आ रही है।
उन्होंने आगे आरएसएस का जिक्र कर कहा कि मोहन भागवत कहते हैं कि जब तक सभी लोगों को समानता प्रदान नहीं किया जाता , तब तक हमें कुछ विशेष व्यवस्था करनी होगी। मैं जानना चाहता हूं कि आखिर वो किस तरह की व्यवस्था की बात करने जा रहे हैं। मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए जिससे आरक्षण खत्म ना हो।
इसके अलावा स्टालिन ने नरसंहार की अपील करने वाले लोगों के खिलाफ सरकार से विधिक कार्रवाई करने की मांग की है। बता दें कि उदयनिधि के बयान पर यह स्टालिन की पहली प्रतिक्रिया है। बहरहाल, अब आगामी दिनों में वो क्या कुछ प्रतिक्रिया व्यक्त करते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी, लेकिन उससे पहले आइए जरा ये जान लेते हैं कि आखिर उदयनिधि ने क्या कहा था?
बता दें कि बीते दिनों सनातन उन्मूलन समिति में जनसभा को संबोधित करने के क्रम में उदयनिधि ने कहा था कि सनातन धर्म डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियां हैं, जिनका हमें विरोध नहीं, बल्कि खत्म करना है। उनके इस बयान के बात चौतरफा विवाद देखने को मिला। कई जगहों पर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई। उनके पुतले फूंके गए। उधर, इस पूरे मसले को लेकर उत्तर बनाम दक्षिण की राजनीति भी शुरू हो चुकी है।