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हवाई सेवा शुरू करने को लेकर MOCA ने मांगे सुझाव

भारतीय रेल की सेवा शुरू हो चुकी है। वहीं अब नागरिक उड्डयन विभाग भी अपनी हवाई सेवा शुरू करने की तैयारी में जुट गया है। इस संबंध में नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एयरलाइंस कंपनियों और एयरपोर्ट्स से जरूरी दिशा-निर्देश बनाने को लेकर मसौदा पत्र तैयार करने के लिए सुझाव मांगे थे जो उसे मिल गए हैं।

नई दिल्ली। भारतीय रेल की सेवा शुरू हो चुकी है। वहीं अब नागरिक उड्डयन विभाग भी अपनी हवाई सेवा शुरू करने की तैयारी में जुट गया है। इस संबंध में नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एयरलाइंस कंपनियों और एयरपोर्ट्स से जरूरी दिशा-निर्देश बनाने को लेकर मसौदा पत्र तैयार करने के लिए सुझाव मांगे थे जो उसे मिल गए हैं।

flights

नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, एयरलाइंस कंपनियों और एयरपोर्ट्स से कुछ सुझाव आए हैं, लेकिन अभी मंत्रालय की ओर से यात्रा को लेकर ऐसी कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किया गया है। MOCA को मिले सुझावों में कहा गया है कि एयरपोर्ट के अंदर उन्हीं यात्रियों को अंदर प्रवेश करने दिया जाए जिनकी फ्लाइट अगले 6 घंटे में प्रस्थान करने वाली हो। हवाई सेवा शुरू होने के शुरुआती चरण में केबिन में सामान रखने की सुविधा नहीं होनी चाहिए। 20 किलो वजन का एक बैगेज ही हो।

International Airport

 

नागरिक उड्डयन मंत्रालय को दिए गए सुझावों में कहा गया कि टिकट या अतिरिक्त सामान आदि को लेकर किया गया कोई भी भुगतान केवल डिजिटल मोड के माध्यम से स्वीकार किया जाए। इसके साथ ही यह भी सुझाव दिया गया कि CISF स्टांप के साथ बोर्डिंग पास जारी किया जाना चाहिए। इसके अलावा विमान के प्रस्थान होने के 60 मिनट पहले गेट खुले और प्रस्थान होने के 20 मिनट पहले प्रवेश बंद कर दिया जाना चाहिए। माध्यमिक तापमान की जांच बोर्डिंग गेट पर एयरलाइन के द्वारा कराया जाना चाहिए। सफर के दौरान कोई भी खाद्य सेवा नहीं होगी। पानी कप या बोतल में गली में उपलब्ध होगी। सभी ऑन-बोर्ड बिक्री का निलंबन कर दिया जाना चाहिए।

flights seats

मंत्रालय को मिले अहम सुझाव में यह भी कहा गया है कि विमान के अंतिम 3 पंक्ति को आपातकालीन मेडिकल स्थिति में खाली रखा जाना चाहिए ताकि जरूरत पड़ने पर आइसोलेशन के रूप में इस्तेमाल कर सकें। इन परिस्थितियों का सामना करने के लिए क्रू मेंबर्स को विशेष सुरक्षा उपकरणों जैसे पीपीई और सैनिटाइजर जैसी चीजों का इस्तेमाल करना चाहिए। यूपी के मानक के आधार पर एक से अधिक केस होने की स्थिति में पीपीई किट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होनी चाहिए।