नई दिल्ली। चुनावों में फर्जी वोटिंग रोकने और वोटर लिस्ट से नाम गायब होने की शिकायतों को दूर करने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में बड़ा फैसला लिया गया है। बुधवार को कैबिनेट की बैठक में चुनाव सुधार वाले बिल को सरकार ने मंजूरी दे दी है। इस बिल को संसद मे पास कराया जाएगा। बिल के मुताबिक वोटर आईडी कार्ड को आधार से जोड़ने का प्रावधान किया गया है। अभी इसे ऐच्छिक बनाया जाएगा। यानी लोग चाहें, तो दोनों को जोड़ें या न जोड़ें। साथ ही बिल के पास होने पर एक साल में 4 बार वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने का मौका मिल सकेगा। अब तक साल में एक बार इसका मौका मिलता रहा है। इसके अलावा जवानों के परिजनों को पोस्टल बैलट से वोट डालने के मौके का प्रावधान भी बिल में किया गया है।
इसके अलावा मोदी कैबिनेट ने पैनल और चिप बनाने वाली विदेशी कंपनियों को भारत में आकर व्यापार करने का मौका दिया है। इसके लिए ऐसी कंपनियों के लिए पीएलआई स्कीम की घोषणा की गई है। पीएलआई स्कीम के तहत पैनल और चिप बनाने वाली कंपनियों को सरकार तमाम सुविधाएं देगी। इससे देश में ही पैनल और चिप बन सकेंगे। इससे टीवी और मोबाइल फोन के लिए विदेश से पैनल और चिप का आयात नहीं करना होगा और दोनों चीजों की कीमतों में भारी कमी आएगी। बता दें कि कोरोना काल में ताइवान की तमाम कंपनियां भारत आकर चिप बनाने के लिए फैक्ट्री लगा रही हैं। इससे काफी हद तक चिप के लिए विदेश पर निर्भरता कम हुई है।
मोदी सरकार लगातार देश हित के लिए काम कर रही है। इससे पहले भी कई चीजों के देश में निर्माण और भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पीएलआई स्कीम्स का एलान सरकार कर चुकी है। आने वाले दिनों में सरकार की तरफ से विदेशी कंपनियों को आकर्षित करने के लिए कई और योजनाएं भी लागू किए जाने की उम्मीद है। मोदी सरकार लगातार आर्थिक सुधार कर रही है। जिसकी वजह से कोरोना के दौरान भी देश का सकल घरेलू उत्पाद GDP 8 फीसदी तक पहुंच गया है। विदेशी वित्तीय संस्थाओं ने भारत की जीडीपी के अगले साल 9 फीसदी का आंकड़ा पार करने की भविष्यवाणी भी की है।