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284 साल में पहली बार नहीं होगी भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा, SC ने लगाई रोक, कहा- इजाजत दी, तो भगवान हमें माफ नहीं करेंगे

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ‘अगर हम रथयात्रा को अनुमति नहीं देंगे तो भगवान जगन्नाथ हमें इसके लिए माफ कर देंगे।’ कोर्ट ने यह भी कहा कि ‘भगवान जगन्नाथ का काम कभी नहीं रुकता है।’

नई दिल्ली। देशभर में कोरोना महामारी का कहर देखने को मिला रहा है। गुरुवार को भारत में कोरोनावायरस के सर्वाधिक करीब 13,000 नए मामले सामने आए हैं, जिससे अब यहां कोविड-19 के मरीजों की संख्या बढ़कर 3.66 लाख हो गई है। इस बीच कोरोना महासंकट को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 23 जून को ओडिशा में होने वाली जगन्नाथ पुरी वार्षिक रथ यात्रा पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोगों के स्वास्थ्य के लिए यह आदेश ज़रूरी है। 284 साल में ऐसा पहली बार हो रहा है कि SC के आदेश के बाद भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा नहीं निकाली जाएगी।

Puri Jagannath Rath Yatra

चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस एएस बोपन्ना की बेंच ने गुरुवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि जनहित और लोगों की सुरक्षा को देखते हुए इस साल रथ यात्रा की इजाजत नहीं दी जा सकती है।

Supreme-Court

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ‘अगर हम रथयात्रा को अनुमति नहीं देंगे तो भगवान जगन्नाथ हमें इसके लिए माफ कर देंगे।’ कोर्ट ने यह भी कहा कि ‘भगवान जगन्नाथ का काम कभी नहीं रुकता है।’

बेंच ने ओडिशा सरकार से यह भी कहा कि कोरोनावायरस को फैलने से रोकने के लिए राज्य में कहीं भी यात्रा, तीर्थ या इससे जुड़े गतिविधियों की इजाजत ना दें।

बता दें कि रथ यात्रा की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी थीं।  23 जून को होनी वली रथयात्रा में करीब 10 से 12 लाख लोगों के जमा होने की उम्मीद जताई जा रही थी। ये रथयात्रा करीब 10 दिन कार्यक्रम चलता है।