नई दिल्ली। दुनियाभर के 70 देशों में मंकीपॉक्स का खतरनाक वायरस फैला हुआ है। भारत में भी अब 6 केस हो चुके हैं। ताजा तीन मरीज यूपी के गाजियाबाद में मिलने की खबर है। इसके साथ ही सरकारी तंत्र इसे महामारी की स्थिति तक न पहुंचने देने के लिए दिन-रात एक कर रहा है। इस बारे में ताजा और अच्छी जानकारी इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च ICMR ने दी है। आईसीएमआर ने बताया है कि उसके राष्ट्रीय विषाणु संस्थान NIV की लैब ने मंकीपॉक्स के वायरस को अलग कर लिया है। दुनिया में भारत पहला देश है, जिसने इस वायरस को अलग करने में सफलता हासिल की है। इसके साथ ही मंकीपॉक्स का वैक्सीन तैयार करने की राह आसान होगी।
Monkeypox virus is isolated by @icmr_niv for the first time in India and ICMR has invited an EoI, proposing to handover the virus strain to interested Indian vaccine and IVD industry partners for development of indigenous vaccine & diagnostic kits for #Monkeypox. @MoHFW_INDIA pic.twitter.com/IwTfA4KTPO
— ICMR (@ICMRDELHI) July 27, 2022
आईसीएमआर की तरफ से बताया गया है कि एनआईवी लैब ने भारत में इस बीमारी से ग्रस्त मरीजों के सैंपल से वायरस को अलग करने में सफलता हासिल की है। आईसीएमआर ने बताया है कि इस वायरस के स्ट्रेन की जांच की गई। इससे पता चला कि दुनिया में फैल रहे वायरस के वेस्ट अफ्रीकन स्ट्रेन से ये 99.85 फीसदी मिलता जुलता है। आईसीएमआर ने इसके साथ ही टेंडर निकाला है कि अगर कोई भारतीय वैक्सीन निर्माता इस बीमारी को रोकने के लिए वैक्सीन बनाना चाहता है, तो वो आगे आए। इसके साथ ही इस वायरस से ग्रस्त मरीज की सैंपल जांच के लिए किट बनाने के लिए भी आईसीएमआर ने एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट जारी किया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO ने मंकीपॉक्स को बहुत खतरनाक बीमारी करार दिया है। इस बीमारी के मरीजों में पहले तीन चार दिन बुखार आता है। फिर जिस्म पर पानी भरे फफोले जैसे दिखते हैं। मरीजों के लिम्फ ग्लैंड भी बढ़ जाते हैं। उनको सिरदर्द, पेशियों में दर्द, गला खराब, कफ और जल्दी हांफने की शिकायत भी हो जाती है।