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Parliament Uproar: आज से संसद में धरने पर बैठेंगे सस्पेंड किए गए सांसद, सत्ता और विपक्ष में बढ़ी तकरार

संसद सत्र के शुरू होने के साथ ही मोदी सरकार और विपक्ष के बीच तलवारें खिंच गई हैं। मामला कृषि कानूनों को बिना चर्चा के पास कराना और राज्यसभा के 12 सांसदों का पूरे सत्र के लिए सस्पेंशन करना है। सस्पेंड किए गए सांसदों में से हर रोज 2 सांसद संसद परिसर स्थित गांधी प्रतिमा के पास धरने पर बैठेंगे।

नई दिल्ली। संसद सत्र के शुरू होने के साथ ही मोदी सरकार और विपक्ष के बीच तलवारें खिंच गई हैं। मामला कृषि कानूनों को बिना चर्चा के पास कराना और राज्यसभा के 12 सांसदों का पूरे सत्र के लिए सस्पेंशन करना है। सस्पेंड किए गए सांसदों में से हर रोज 2 सांसद संसद परिसर स्थित गांधी प्रतिमा के पास धरने पर बैठेंगे। सांसदों का ये धरना 23 दिसंबर को संसद का मौजूदा सत्र खत्म होने तक चलेगा। इस मसले पर मोदी सरकार और विपक्ष के बीच तकरार भी तेज हो गई है। विपक्ष का कहना है कि सरकार तानाशाही कर रही है। वहीं, सत्ता पक्ष का कहना है कि सांसद अगर माफी मांग लें, तो उनका निलंबन खत्म कराने का प्रस्ताव राज्यसभा में लाया जा सकता है। बता दें कि बीते अगस्त में मॉनसून सत्र के दौरान विपक्ष के सांसदों पर सदन में हंगामा करने का आरोप है। उस वक्त इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो सकी थी। इस बार राज्यसभा के सभापति और वाइस प्रेसिडेंट वेंकैया नायडू ने इन्हें पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया है। निलंबित किए गए सदस्यों में टीएमसी, शिवसेना, सीपीएम, सीपीआई और अन्य दलों के सांसद हैं।

इस बीच, लोकसभा में आज नियम 193 के तहत कोरोना महामारी पर चर्चा होनी है, लेकिन विपक्ष ने संसद के बायकॉट का फैसला किया है। देखना ये है कि विपक्ष कोरोना पर चर्चा में हिस्सा लेता है या नहीं। विपक्ष का आरोप है कि मोदी सरकार को राज्यसभा में बहुमत नहीं है। उसे तमाम बिल पास कराने में दिक्कत हो सकती थी। इसी वजह से 12 सांसदों को निलंबित कर राज्यसभा में सरकार गणित बिठाने की कोशिश कर रही है।

वहीं, मोदी सरकार में मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार के पास बहुमत भले न हो, लेकिन राज्यसभा में उसे तमाम दलों का समर्थन हासिल है। ऐसे में विपक्ष के आरोपों में कोई दम नहीं है। उन्होंने ये भी कहा कि विपक्षी सांसद अगर माफी मांग लेते हैं, तो इसमें हर्ज ही क्या है।