नई दिल्ली। दुनियाभर के 16 मीडिया संस्थानों ने सोमवार को कई नेताओं और नौकरशाह के नाम जारी किए हैं, जिनके फोन की कथित तौर पर इजरायली स्पाईवेयर पेगासस से नजरदारी की गई। इससे पहले मीडिया संस्थानों ने नजरदारी के मामले में 40 पत्रकारों के नाम जाहिर किए थे। दूसरी ओर, आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि संसद सत्र से ठीक पहले इस बारे में आ रही खबरें भारतीय लोकतंत्र को बदनाम करने की साजिश है।
मीडिया संस्थानों ने सोमवार को पेगासस के जरिए हुई नजरदारी के मामले में जिन लोगों का नाम जारी किया है, उनमें कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम भी है। हालांकि, खबर में बताया गया है कि उनके मोबाइल फोन की जांच नहीं हो सकी है क्योंकि राहुल लगातार फोन बदलते रहते हैं। राहुल गांधी के अलावा उनके साथी अलंकार सवाई और सचिन राव का भी नाम है। सचिन राव कांग्रेस कार्यसमिति के मेंबर भी हैं। इसके अलावा राहुल के पांच दोस्तों का नाम भी ताजा जारी लिस्ट में है।
मीडिया की तरफ से जारी लिस्ट में चुनाव लड़ाने के लिए रणनीति बनाने में माहिर प्रशांत किशोर का भी नाम है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के भतीजे और सांसद अभिषेक बनर्जी का नाम उन लोगों में है, जिनके फोन की कथित तौर पर पेगासस से नजरदारी की गई। मीडिया संस्थानों ने दावा किया है कि पूर्व चुनाव आयुक्त अशोक लवासा की भी नजरदारी पेगासस से की गई। इसके अलावा मौजूदा आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव और प्रह्लाद पटेल की नजरदारी भी इजरायली कंपनी के स्पाईवेयर से किए जाने का दावा मीडिया संस्थानों ने किया है।
PEGASUS SNOOPING: मीडिया संस्थानों का कहना है कि आने वाले दिनों में वे कथित नजरदारी की जद में आए और लोगों के नाम भी जारी करेंगे। हालांकि, केंद्र सरकार पहले ही कह चुकी है कि उसका पेगासस बनाने वाली कंपनी से कोई लेना-देना नहीं है और सरकार को बदनाम करने की साजिश के तहत ये सब बातें कही जा रही हैं।