नई दिल्ली। महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे के लिए अपशब्द कहने पर मोदी सरकार में मंत्री नारायण राणे को गिरफ्तार कर लिया गया है। हालांकि, वह गिरफ्तार होने वाले पहले केंद्रीय मंत्री नहीं हैं। इससे पहले साल 2001 में तमिलनाडु की सीएम रहते जयललिता ने अटल बिहारी सरकार के दो मंत्रियों को गिरफ्तार करवा लिया था। मामला 13 मई 2001 का है। सीएम बनने के बाद जयललिता ने पूर्व सीएम के. करुणानिधि के खिलाफ कार्रवाई का फैसला किया। करुणानिधि के सीएम रहते जयललिता की साड़ी विधानसभा में खींचने की कोशिश हुई थी। उनके बाल पकड़कर भी घसीटा गया था। ऐसे में सीएम बनने के बाद 13 मई की रात अचानक जयललिता सरकार के निर्देश पर पुलिसवाले करुणानिधि के घर पहुंचे और उन्हें सोती हुई हालत में टांगकर थाने ले गए।
इसका विरोध करने जब अटल सरकार के मंत्री टीआर बालू और मुरासोली मारन थाने गए, तो तमिलनाडु सरकार के निर्देश पर उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया। हालत ये थी कि उस वक्त रक्षा मंत्री रहे जॉर्ज फर्नांडिस को दोनों केंद्रीय मंत्रियों को जमानत दिलाने के लिए चेन्नई जाना पड़ा था।
अब नारायण राणे की गिरफ्तारी का किस्सा भी हो गया। फर्क भी इसमें कुछ नहीं है। तब भी केंद्र मंन बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार थी और अब भी बीजेपी की ही सरकार है। खास बात ये भी कि यही नारायण राणे कभी उद्धव के पिता बाल ठाकरे के दाएं हाथ माने जाते थे। वह युवावस्था से ही शिवसेना के साथ हो गए थे। युवा शिवसैनिकों में नारायण राणे बहुत लोकप्रिय थे। इसी वजह से बाल ठाकरे भी उन्हें पसंद करते थे।
ठाकरे परिवार को राणे पर इतना भरोसा हो गया था कि बाल ठाकरे की बड़ी बहू स्मिता ठाकरे ने उन्हें महाराष्ट्र के सीएम की कुर्सी पर बिठाने में अहम भूमिका निभाई। फरवरी 1999 में शिवसेना-बीजेपी गठबंधन वाली सरकार में नारायण राणे मुख्यमंत्री बने, लेकिन अचानक 37 साल पुराना ये रिश्ता टूट गया। नारायण राणे शिवसेना छोड़कर निकल गए।