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जावेद अख्तर ने बीजेपी के नारे पर उर्दू को लेकर करनी चाही खिंचाई, लोगों ने कहा-“किसी की बपौती नहीं”

जावेद अख्तर बीजेपी के इस स्लोगन को ट्वीट कर कहा कि उत्तर प्रदेश बीजेपी का नारा देखकर अच्छा लगा.. सोच ईमानदार काम दमदार, लेकिन इसमें चार में से तीन शब्द उर्दू के हैं- ईमानदार, काम और दमदार। जावेद अख्तर के इस ट्वीट को लेकर लोगों ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं।

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर पूरे देश की निगाहें इसी ओर टिकी हुई हैं। कोई सरकार के पक्ष में अपनी बात रख रहा है तो कोई विरोध करने के नए-नए तरीके खोज रहा है। चुनाव प्रचार के सभी पार्टियां अपने-अपने गाने को रिलीज करने में लगी हुई हैं ताकि जनता को अपनी तरफ आकर्षित किया जा सके। इसी बीच जाने माने लेखक जावेद अख्तर ने बीजेपी के नारे “सोच ईमानदार, काम दमदार” को लेकर खिंचाई करनी चाही लेकिन सोशल मीडिया पर लोगों ने शब्दों का इतिहास तक बता डाला।

Javed Akhtar

दरअसल जावेद अख्तर बीजेपी के इस स्लोगन को ट्वीट कर कहा कि उत्तर प्रदेश बीजेपी का नारा देखकर अच्छा लगा.. सोच ईमानदार काम दमदार, लेकिन इसमें चार में से तीन शब्द उर्दू के हैं- ईमानदार, काम और दमदार। जावेद अख्तर के इस ट्वीट को लेकर लोगों ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। कुछ यूजर्स ने लिखा कि उर्दू भी तो भारत की ही है जैसे हिंदी है। ऐसे कुछ यूजर्स ने लिखा कि सरकार हिंदी उर्दू में फर्क नहीं करती लेकिन कुछ लोग इसमें भी बंटवारा कर देते हैं।

आइये हम आपको कुछ ऐसी प्रतिक्रियाएं दिखाते हैं।

शशांक शेखर झा ने लिखा कि काम सचमुच संस्कृत शब्द कर्म से लिया गया है।

पुष्पा अजय सिंह नाम के यूजर ने लिखा कि “चिच्चा उर्दू की हकीकत भी देख लो वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दूं कामदार इसलिए फिर से एक बार योगी सरकार जय हो योगी महाराज”

चन्द्र प्रकाश नाम के यूजर ने लिखा कि जावेद मियाँ, ‘ईमानदार’ फ़ारसी है, पारसियों की भाषा जिन्हें इस्लाम ने ईरान से मारकर भगा दिया था। ‘काम’ हिंदी का शब्द है, संस्कृत के ‘कर्म’ से बना है। ‘दम’ भी संस्कृत है, जिसका अर्थ है ‘शक्तिशाली व्यक्ति जिसने इंद्रियों पर वश पा लिया’। तुलसीदास ने लिखा है- बल विवेक दम परहित घोरे..

राकेश गोयल नाम के यूजर ने लिखा कि यही सोच कर खुश हो रहे हैं कि भाजपा उर्दू का उपयोग /सम्मान कर रही है। जिस दिन यह समझ में आ जाएगा कि भाजपा आतंकवादियों और उनके समर्थकों को छोड़कर राष्ट्रभक्त और अन्य धर्मों का सम्मान करने वाले मुसलमानों को भी अपना समझती है, जावेदजी भाजपा ज्वाईन कर लेगें !

एक अन्य यूजर ने लिखा कि कार्य की समर्पित भावनाओं को सांप्रदायिक शब्दो मे रंगने का कार्य आप जैसे महा बुद्धिमान लोग ही करते है। काश… उर्दू जुबान के लोगों को वैदिक श्लोगन…. सर्वे भवन्तु सुखिन सर्वे संतु निरामयः….. पर भी गूढता से सोचने का ज्ञान आप द्वारा दिया जाता। जय हिंद।

देखिए कुछ अन्य प्रतिक्रियाएं