लुधियाना। पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच जारी जंग अब ऐसे मोड़ पर पहुंच चुकी है, जहां से लौटना संभव नहीं दिखता। एक तरफ चन्नी सरकार सिद्धू के दिए नामों को सरकार में शामिल नहीं कर रही। वहीं, सिद्धू ने अब खुद को सीएम फेस के तौर पर पेश करना शुरू कर दिया है। हुआ यूं कि सिद्धू लुधियाना में उद्योगपतियों से मिलने आए थे। मुलाकात से पहले वह मीडिया से मुखातिब हुए। मीडिया के सामने सिद्धू ने अगले 5 साल सरकार क्या करेगी, इसका खाका पेश किया। जबकि, ये काम सीएम ही करते हैं। कभी किसी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने ऐसा नहीं किया। सिद्धू ने कहा कि वो अगले 3 महीने नहीं, बल्कि 2022 के बाद की योजना बता रहे हैं। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि अगर सरकार बन गई, तो 5 साल में पंजाब का वो हुलिया बदल देंगे। बाद में उन्होंने कहा कि ये उनकी नहीं, सोनिया गांधी, राहुल और प्रियंका की योजना है।
सिद्धू ने कहा कि 2007 में अकाली-भाजपा सरकार ने निवेश के बड़े-बड़े वादे किए थे, लेकिन कुछ नहीं आया। उनकी सरकार ने एक लाख करोड़ के निवेश के लिए एमओयू किए, जिसमें से 52 फीसद निवेश हो गया। सिद्धू इन दिनों काफी सक्रिय हैं। कई बार वो अपनी ही सरकार पर निशाना साधते हैं। यह भी कहते हैं कि वह संगठन में हैं, जबकि लोगों के लिए फैसले लेना सरकार का काम है।
नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि पंजाब में नया निवेश आने में मुख्य बाधा सिंगल विंडो सिस्टम नहीं होना है। उद्योग लगाने के लिए 16 से 33 सरकारी क्लीयरेंस लेनी पड़ती है और इसी वजह से निवेशक भाग खड़ा होता है। उन्होंने कहा कि 2022 सरकार बनते ही वह सिंगल विंडो सिस्टम को प्रभावी बनाने के साथ डिजिटल पोर्टल भी बनाएंगे। जिससे उद्योगपति वहीं सारी औपचारिकताएं पूरी कर लेंगे और उन्हें ऑनलाइन क्लियरेंस मिल जाएगी।