नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के पूर्व आईएएस नवनीत सहगल को सरकार ने तोहफा देते हुए प्रसार भारती बोर्ड का चेयरमैन बना दिया है। भारत सरकार ने सहगल को प्रसार भारती के मुखिया के रूप में तीन वर्षों की तैनाती दी है। नवनीत सहगल यूपी के चर्चित आईएएस अधिकारी रहे हैं और पिछले वर्ष ही रिटायर हुए थे। सहगल के पास कई मुख्यमंत्रियों के साथ काम का लंबा अनुभव है जिसमें सूचना एवं जनसपर्क विभाग में उन्हें विशेषज्ञता हासिल रही है।
Retired Uttar Pradesh cadre IAS officer Navneet Kumar Sehgal appointed as Chairman of Prasar Bharti pic.twitter.com/uFMOLOD3b3
— ANI (@ANI) March 16, 2024
उत्तर प्रदेश के सबसे चर्चित आईएएस अधिकारियों में शामिल रहे नवनीत सहगल ने 35 साल तक सेवा दी जिसके बाद वो पिछले साल रिटायर हो गए। 1988 बैच के आईएएस अधिकारी नवनीत सहगल मायावती, अखिलेश यादव और योगी आदित्यनाथ के कोर ग्रुप में काम कर चुके हैं। सरकार किसी की भी रही हो, लेकिन सहगल हर सरकार में प्रभावशाली रहे। नवनीत सहगल बसपा सरकार में मुख्यमंत्री मायावती के सचिव रहे। तब पंचम तल पर वे सबसे प्रभावशाली अधिकारियों में से एक माने जाते थे। हालांकि, वर्ष 2012 में सपा सरकार बनने पर उन्हें हटाकर प्रतीक्षा में डाल दिया गया। लेकिन, कुछ समय बाद ही उन्हें दोबारा तैनाती दे दी गई। वह 2014 में मुख्य धारा में लौटे और प्रमुख सचिव सूचना बना दिए गए। तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव के सबसे भरोसेमंद अधिकारियों में से वह एक रहे। उनके पास सूचना विभाग के अलावा यूपीडा की भी जिम्मेदारी रही। यूपीडा के सीईओ रहते उन्होंने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के निर्माण की जिम्मेदारी संभाली। इसके बाद योगी आदित्यनाथ सरकार में भी नवनीत प्रमुख सचिव सूचना रह चुके हैं।
वर्ष 1963 में पंजाब के फरीदकोट में पैदा हुए नवनीत सहगल की शुरुआती शिक्षा-दीक्षा हरियाणा में हुई क्योंकि इनके पिता यहीं नौकरी करते थे। अंबाला से 10वीं कक्षा पास करने के बाद सहगल ने भिवानी में रहकर इंटरमीडियट परीक्षा उत्तीर्ण की। वर्ष 1982 में 19 साल की उम्र में सहगल ने बीकॉम पास किया। ये सिविल सर्विस में जाना चाहते थे लेकिन उम्र नहीं हुई थी। इसके बाद सहगल ने सीए में दाखिला लिया। 1986 में उन्होंने सीए कोर्स पूरा कर लिया। इसके अगले साल इन्होंने सीएस का कोर्स भी पूरा कर लिया। सीए करने के बाद वर्ष 1986 में सहगल ने प्रैक्टिस और साथ में सिविल सर्विसेज की तैयारी भी शुरू कर दी जिसके बाद आईएस में उनका चयन हुआ।