
नई दिल्ली। अडानी मामले में संयुक्त संसदीय समिति यानी जेपीसी की लगातार मांग कर रही कांग्रेस को विपक्ष के ही बड़े नेता और एनसीपी चीफ शरद पवार ने जोर का झटका दिया है। शरद पवार ने न्यूज चैनल एनडीटीवी से बातचीत में जेपीसी का समर्थन करने से इनकार कर दिया। पवार ने कहा कि अडानी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी बनाई है। उन्होंने कहा कि जेपीसी से जांच उतनी कारगर नहीं होगी, जितनी सुप्रीम कोर्ट की कमेटी की जांच से। शरद पवार ने ये भी कहा कि अडानी के बारे में हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट को इतना महत्व क्यों दिया जा रहा है। हमने इसके बारे में, इसके बैकग्राउंड के बारे मे कभी नहीं सुना। उन्होंने साफ कहा कि लगता है कि एक कारोबारी घराने को टारगेट किया जा रहा है।
#PawarToNDTV | “Seems Targeted”: Sharad Pawar To NDTV On US Short-Seller’s Adani Report
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— NDTV (@ndtv) April 7, 2023
एनसीपी चीफ शरद पवार ने कहा कि ऐसे मुद्दे उठाकर हंगामा करने की कीमत देश की अर्थव्यवस्था को चुकानी होती है। पवार ने कहा कि पहले भी कई मामलों में जेपीसी बनाई गई। अब जेपीसी की मांग इसलिए है कि एक कारोबारी घराने की जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर अडानी के मामले में जेपीसी बनाई जाती है, तो संसद में संख्याबल ज्यादा होने की वजह से इसकी मॉनीटरिंग तो सरकार ही करेगी। ऐसे में सच का पता कैसे चलेगा। पवार के इस बयान से साफ है कि अडानी के मसले पर लगातार सरकार को घेर रही कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों का साथ एनसीपी नहीं देने जा रही है। साथ ही उनका बयान पीएम नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार के लिए भी एक तरह से अडानी मामले में समर्थन जैसा है।
शरद पवार का ये बयान आने के बाद कांग्रेस ने सधी हुई प्रतिक्रिया दी है। एबीपी न्यूज के मुताबिक कांग्रेस के सांसद और मीडिया प्रभारी जयराम रमेश ने कहा कि ये शरद पवार के निजी विचार हो सकते हैं। जयराम रमेश ने बयान में कहा है कि अडानी के मामले में विपक्ष के 19 दल एक साथ हैं। इसे सभी गंभीर मानते हैं। जयराम रमेश का ये भी कहना है कि एनसीपी समेत सभी विपक्षी दल बीजेपी के खिलाफ एकजुट हैं।