नई दिल्ली। आगामी लोकसभा चुनाव से पूर्व विपक्षी एकता को धार देने की कवायद तेज हो चुकी है। इसी कड़ी में आज बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुखातिब होने बंगाल पहुंचे। जहां दोनों के बीच आगामी लोकसभा चुनाव के लिहाज से कई मुद्दों को लेकर वार्ता हुई। वहीं, इस मुलाकात के बाद सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार भी गुलजार हो चुका है। वहीं, ममता से मुलाकात के बाद नीतीश कुमार उत्तर प्रदेश रवाना होंगे। जहां सपा प्रमुख अखिलेश यादव और सीएम नीतीश कुमार के बीच बैठक होनी है। ध्यान रहे कि आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर उत्तर प्रदेश, बिहार और बंगाल सरीखे राज्य अहम हो जाते हैं। जहां उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटें हैं, तो वहीं बिहार में 40 और बंगाल में 42, तो इस तरह से इन तीनों राज्यों को मिलाकर कुल सीटें 162 हो जाती हैं।
#WATCH | Bihar CM & JD(U) leader Nitish Kumar alongwith Deputy CM & RJD leader Tejashwi Yadav meets West Bengal CM & TMC leader Mamata Banerjee in Kolkata pic.twitter.com/j9vRg5HNgn
— ANI (@ANI) April 24, 2023
ऐसे में आगामी लोकसभा चुनाव के लिहाज से विपक्षी दलों के लिए तीनों ही राज्य अहम हो जाते हैं। वहीं, ममता का दावा है कि बंगाल में उनका दबदबा है, जबकि सपा प्रमुख उत्तर प्रदेश में विशेष संप्रदाय के लोगों को अपने पाले में करने को लेकर आश्वस्त नजर आ रहे हैं। उधर, बिहार में भी नीतीश तेजस्वी इस विश्वास से लबरेज नजर आ रहे हैं, लेकिन बीजेपी लगातार इन राज्यों में विपक्षी दलों के विरोध में माहौल पैदा करने की कोशिश कर रही है। अब यह कोशिश कितनी सफल साबित हो पाती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। इन्हीं सब समीकरण के लिहाज नीतीश की ममता के साथ मुलाकात को आगामी लोकसभा चनाव के लिहाज से अहम माना जा रहा है। उधर, नीतीश अब कुछ ही देर में लखनऊ रवाना होंगे, जहां उनकी मुलाकात सपा प्रमुख अखिलेश यादव से होगी। ऐसे में तीनों ही नेता लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए रणनीति तैयार करेंगे। वहीं, माना जा रहा है कि नीतीश दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से भी मुलाकात करेंगे। अब इन मुलाकातों का आगामी लोकसभा चुनाव में क्या असर पड़ता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।
We have held talks, especially about the coming together of all parties and making all preparations ahead of the upcoming Parliament elections. Whatever will be done next, will be done in the nation’s interest. Those who are ruling now, have nothing to do. They are just doing… pic.twitter.com/FOm0DMN434
— ANI (@ANI) April 24, 2023
वहीं, नीतीश कुमार ने ममता से मुलाकात के बाद कहा कि वर्तमान में सभी संवैधानिक संस्थाएं खतरे में हैं। ईडी-सीबीआई के नाम पर विपक्षी दलों के नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है। ऐसी सूरत में इस संकट से निपटने के लिए सभी को एक छत के तले आना होगा। उधर, बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने भी इस मुलाकात के बाद कहा कि, ‘ मैंने नीतीश कुमार से बस एक ही निवेदन किया है। जयप्रकाश जी का आंदोलन बिहार से शुरू हुआ। अगर हम बिहार में सर्वदलीय बैठक करते हैं, तो हम तय कर सकते हैं कि हमें आगे कहां जाना है। लेकिन सबसे पहले हमें यह संदेश देना होगा कि हम एक हैं। मैंने पहले भी कहा है कि मुझे कोई आपत्ति नहीं है। मैं चाहता हूं कि बीजेपी जीरो हो जाए। मीडिया के सहारे और झूठ से बड़े हीरो बन गए हैं। हम साथ-साथ आगे बढ़ेंगे। हमारा कोई व्यक्तिगत अहंकार नहीं है, हम सामूहिक रूप से मिलकर काम करना चाहते हैं।
I have made just one request to Nitish Kumar. Jayaprakash ji’s movement started from Bihar. If we have an all-party meeting in Bihar, we can then decide where we have to go next. But first of all, we have to give a message that we are united. I have said earlier too that I have… pic.twitter.com/3XHReyO1iY
— ANI (@ANI) April 24, 2023
उधर, नीतीश कुमार ने इस मुलाकात के बाद कहा कि हमने बातचीत की है, विशेष रूप से सभी दलों के एक साथ आने और आगामी संसद चुनाव से पहले सभी तैयारियां करने के बारे में। आगे जो भी होगा, देशहित में किया जाएगा। जो लोग अभी शासन कर रहे हैं, उनके पास करने के लिए कुछ नहीं है। ये सिर्फ अपना प्रचार कर रहे हैं। देश के विकास के लिए कुछ नहीं किया जा रहा है।
We will go ahead together. We have no personal ego, we want to work together collectively: West Bengal CM Mamata Banerjee, at a joint press conference with Bihar CM Nitish Kumar and Deputy CM Tejashwi Yadav pic.twitter.com/L7IUlnKZpZ
— ANI (@ANI) April 24, 2023
अब ऐसे में आगामी लोकसभा चुनाव के लिहाज से विपक्षी एकता कA धार देने की दिशा में क्या कुछ कदम उठाए जाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी, लेकिन माना जा रहा है कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल इस विपक्षी दलों की एकता पर पानी फेर सकते हैं, क्योंकि वे एक अलग मोर्चा तैयार करने में जुटे हैं।