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किसी को नहीं थी भनक: स्कूटर, बस से सफर करने वाला पीयूष जैन है धनकुबेर, लोगों को ऐसे देता था धोखा

Piyush Jain : कैसी थी पीयूष जैन की दिनचर्या  वहीं, पीयूष जैन की दिनचर्चा की बात करें, तो उसके आसपड़ोस के लोगों का कहना है कि वो बिल्कुल सामान्य लोगों की तरह रहता था। हमेशा अपने घऱ के अंदर ही रहता था। किसी के लिए यह पता लगा पाना मुश्किल था।

नई दिल्ली। किसी भी आले दर्जे के अवलोकनकर्ता के लिए ये पता लगा पाना मुश्किल ही होगा कि इत्र कारोबारी पीयूष जैन अकूत संपत्ति का मालिक हो सकता है। कभी प्रिया स्कूटर, तो कभी बस, तो कभी सेंट्रो कार से सफर करने वाले पीयूष को देखकर यह कहना मुश्किल ही है कि वो करोड़ों अरबों की संपत्ति का मालिक हो सकता है। ऐसे में सवाल है कि आखिर एक इत्र कारोबारी के पास इतनी भारी मात्रा में संपत्ति कहां से आई। फिलहाल ये जांच का विषय है। जिसकी आयकर विभाग समेत अन्य जांच एजेंसियां जांच कर रही है। अभी इस पूरे मामले की क्या हकीकत है? आखिरकार पीयूष जैन के पास इतनी भारी मात्रा में संपत्ति कहां से आई? जिस तरह आयकर विभाग ने उनके कन्नौज और कानपुर स्थित आवास से अकूत संपत्तियों का अंबार बरामद किया है। जिस तरह पीयूष जैन के कमरों की दीवारों ने नोटों की गड्डियां उगली थी, उसे देखते हुए इन सवालों का उठना लाजिमी है।

फिलहाल इन सबालों के जवाब अभी अनुउत्तिरत बने हुए हैं, लेकिन जिस तरह इस शख्स ने अपनी सादगी का सहारा लेकर लोगों को धोखे में रखा, उसे जानकर अब सभी हतप्रभ हो रहे हैं। आखिरकार यह बात किसी को भी हैरान कर सकती है कि पुराने प्रिया स्कूटर और रेजवेज की बसों से सफर करने वाले शख्स के पास इतनी संपत्ति आ कहां से सकती है। शहर में और भी कई इत्र कारोबारी हैं। हालांकि, कई ऐसे कारोबारी भी हैं, जिनके पास अच्छी खासी मात्रा में सपत्ति है, लेकिन महज इत्र बेचकर धनकुबेर बन जाना, किसी को भी हजम नहीं हो रही है। पीयूष जैन अपनी सीरत और सूरत भी काफी सामान्य बनाकर ही रखता था, जिसे देखते हुए किसी के लिए यह कह पाना मुश्किल ही था कि वह करोड़ों अरबों की संपत्ति के मालिक हो सकता है।

PIYUSH JAIN

कैसी थी पीयूष जैन की दिनचर्या

वहीं, पीयूष जैन की दिनचर्या की बात करें, तो उसके आसपड़ोस के लोगों का कहना है कि वो बिल्कुल सामान्य लोगों की तरह रहता था। हमेशा अपने घऱ के अंदर ही रहता था। किसी के लिए यह पता लगा पाना मुश्किल था कि वो अंदर रहकर किन गतिविधियों को अंजाम देता है। लोग महज उसके बारे में इतना ही जानते थे कि वो इत्र का कारोबार करता है। हर दोपहर 12 बजे मंदिर दर्शन के लिए जाता था। रात को कंपाउड तैयार करता था और उसकी सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि वो सुबह देर से उठता था। जिसे अब संदिग्धता भरी निगाहों से देखा जा रहा है। ऐसे में पीयूष राज का खजाना मामूल पड़ रहा है और अब उससे जुड़े तमाम राज का खुलासा जांच के बाद ही होगा। अब ऐसे में इस पूरे मामले की जांच के पीछे का क्या सच निकलकर सामने आता है। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा।