newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

उत्तर प्रदेश : गौतमबुद्ध नगर डीएम के हटते ही, कोरोना की गढ़ सीजफायर फैक्टरी हुई सील

कोरोनावायरस पर योगी आदित्यनाथ के गुस्से के बाद जिले के उप-जिलाधिकारी ने मंगलवार को दिन निकलते ही सबसे पहले सेक्टर 135 स्थित सीजफायर कंपनी पर सील ठोंक दी। सबसे ज्यादा कोरोना पॉजिटिव एक साथ इसी सीजफायर कंपनी प्रबंधन ने उत्पन्न किये थे

नई दिल्ली। दिल्ली से सटे और यूपी के सबसे ज्यादा कोरोना पॉजिटिव केस देने वाले गौतमबुद्ध नगर में सूबे के सीएम की यात्रा असर दिखाने लगी है। सोमवार को जिले के आला अफसरों को सीएम द्वारा आड़ हाथ लिये जाने और जिलाधिकारी बीएन सिंह को सीएम द्वारा हटाये जाने का असर जिले की मशीनरी पर साफ-साफ मंगलवार को देखा गया।

ceasefire compnay noida

जब जिले के उप-जिलाधिकारी ने मंगलवार को दिन निकलते ही सबसे पहले सेक्टर 135 स्थित सीजफायर कंपनी पर सील ठोंक दी। सिर्फ गौतमबुद्ध नगर जिले में ही नहीं वरन, देश के सबसे बड़े पूरे सूबे भर में सबसे ज्यादा कोरोना पॉजिटिव एक साथ इसी सीजफायर कंपनी प्रबंधन ने उत्पन्न किये थे। मंगलवार को आईएएनएस को यह जानकारी उप-जिला मजिस्ट्रेट गौतमबुद्ध नगर प्रसून द्विवेदी ने दी। उन्होंने बताया कि सीजफायर इण्डस्ट्रीज लिमिटेड, जोकि सेक्टर 135 में स्थित थी, को तत्काल प्रभाव से सील कर दिया गया है।

ceasefire compnay noidas
उन्होंने आगे कहा कि कंपनी ने कोरोना जैसी महामारी के दौरान भी घोर लापरवाही बरती थी। एक विदेशी ऑडिटर से दो तीन दिन तक ऑडिट कराया। उसके बाद बिना जिला प्रशासन को जानकारी दिए उसे वापस उसके देश भेज दिया। इतना ही नहीं कंपनी प्रबंध निदेशक और उसके स्टाफ अफसर ने भी अपनी विदेश यात्रा को छिपाया। बाद में जिले के अपर मुख्य चिकित्साधिकारी की रिपोर्ट में 15-18 लोगों के इस कंपनी में कोरोना पॉजिटिव मिले जोकि घोर अपराध की श्रेणी में आता है।

उल्लेखनीय है कि सीजयफायर कंपनी को अब तक सील न किये जाने पर सोमवार की समीक्षा मीटिंग में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी स्थानीय जिला प्रशासन को खूब हड़काया था। समीक्षा बैठक के तुरंत बाद ही जिलाधिकारी बीएन सिंह ने राज्य शासन से तीन महीने का लंबा अवकाश मांग लिया था। बाद में सूबे की सल्तनत ने उन्हें राजस्व विभाग में स्थानांतरित कर दिया था।