पटना। उत्तर प्रदेश के माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की शनिवार देर रात मेडिकल को ले जाते वक्त गोली मारकर हत्या कर दी गई। पुलिस की हथकड़ी में बंधे और मीडिया के सामने खड़े अतीक और उसके भाई की हत्या के बाद सवाल उठे यूपी पुलिस पर, प्रशासन पर। इसके बाद आनन फानन में योगी सरकार ने अतीक की सुरक्षा में लगाए गए 17 पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से ससपेंड भी कर दिया। लेकिन अब इसको लेकर सियासत गर्म हो गई है। बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने यूपी सरकार पर सवाल उठाए हैं। तेजस्वी ने मीडिया के सामने इस मुद्दे पर बात करते हुए कहा, ‘यूपी में अतीक जी का नहीं, कानून का जनाजा निकला है। इससे कानून की व्यवस्था पर भी सवाल खड़े होते हैं।
#WATCH | Bihar Deputy CM Tejashwi Yadav says, “I have no sympathies for crime or criminals. There are laws & Constitution to eliminate crime. Even the assassins of a PM were made to undergo trial & they were punished. What happened in UP was not the funeral procession of… pic.twitter.com/7Q5PMRDZIU
— ANI (@ANI) April 17, 2023
तेजस्वी ने अतीक अहमद हत्याकांड के बारे में बात करते हुए ये भी कहा कि हत्यारा, हत्यारा होता है, इसमें हमदर्दी नहीं होनी चाहिए। तेजस्वी ने पुलिस की कार्यशैली पर भी सवालिया निशान लगाते हुए कहा, पुलिस कस्टडी में हत्या होना सवाल खड़े करता है। यूपी में पुलिस की कस्टडी में सबसे ज्यादा हत्याएं हुई हैं। तेजस्वी यादव के इस बयान के बाद सियासी हवा एक बार फिर गर्म हो गई है। इसके आलावा अतीक अहमद की हत्या को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी सवाल खड़े किए हैं। नीतीश कुमार ने यूपी सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा, कि ये दुखद है। अपराधियों का सफाया मतलब उनको मारना नहीं है। सजा देने के लिए कोर्ट है, कानून है, अगर ऐसे सरकारें ही मर्डर करेंगी तो फिर न्याय कहां रह जाता है ?
आपको बता दें अतीक के हत्याकांड पर सवाल उठाते हुए तेजस्वी यादव ने इंदिरा के हत्याकांड का भी जिक्र किया, तेजस्वी ने कहा, जहां यूपी में पुलिस कस्टडी में हुई हत्या को लेकर कहा कि जो भी लोग अपराधी हैं, हम लोगों को उनसे कोई सहानुभूति नहीं है। मनमानी से आप फैसले नहीं कर सकते हैं, इस देश के भीतर कानून का राज चलता है। में बेशक इस बात से इत्तेफाक रखता हूं कि हर हाल में अपराध का खात्मा होना चाहिए, लेकिन इस काम के लिए आप खुद कानून अपने हाथ में नहीं ले सकते हैं, सरकारों को कानून और न्याय प्रक्रिया पर भरोसा करने की जरूरत है। ऐसा कोई पहली बार नहीं है, जब किसी बड़े अपराधी का ट्रायल हो रहा हो बल्कि इस देश में देखा है कि प्रधानमंत्री के हत्यारों का भी ट्रायल हुआ और सजा मिली और यूपी में जो हुआ ये अतीक जी का जनाजा नहीं बल्कि कानून का जनाजा निकला है। तेजस्वी के इस बयान से एक बार फिर सियासत तेज होने की संभावना है।