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Jolt Continues: अब अपना दल ने ज्यादा सीटें मांगकर बीजेपी की बढ़ाई मुश्किल, एक और विधायक का भी इस्तीफा

अपना दल खुद को मिल रही सीटों से संतुष्ट नहीं है। पार्टी की ओर से बीजेपी पर दबाव बनाया जा रहा है कि वो उसे कम से कम 2 दर्जन सीटें दे। इस बीच, एक और विधायक ने बीजेपी का साथ छोड़ दिया है। फिरोजाबाद जिले की शिकोहाबाद सीट से बीजेपी के विधायक मुकेश वर्मा ने बीजेपी का साथ छोड़ने के बारे में एलान किया है।

नई दिल्ली। पिछड़े वर्ग यानी OBC नेताओं और मंत्रियों के पार्टी छोड़कर विपक्ष के खेमे में खड़े होने से धक्का खाई बीजेपी के लिए अब अपना दल ने भी मुश्किल बढ़ा दी है। सूत्रों के अनुसार अपना दल खुद को मिल रही सीटों से संतुष्ट नहीं है। पार्टी की ओर से बीजेपी पर दबाव बनाया जा रहा है कि वो उसे कम से कम 2 दर्जन सीटें दे। इस बीच, एक और विधायक ने बीजेपी का साथ छोड़ दिया है। फिरोजाबाद जिले की शिकोहाबाद सीट से बीजेपी के विधायक मुकेश वर्मा ने बीजेपी का साथ छोड़ने के बारे में एलान किया है। उनके भी समाजवादी पार्टी यानी सपा में शामिल होने का अनुमान है। इससे पहले स्वामी प्रसाद मौर्य और दारा सिंह चौहान समेत 7 बीजेपी मंत्री और विधायक पार्टी का साथ छोड़ गए थे। पार्टी छोड़ने वाले सभी लोगों के इस्तीफे की भाषा एक जैसी है और वे सभी पिछड़ी जातियों से हैं।

mukesh verma resign

बीजेपी ने यूपी में अपने सहयोगी अपना दल और निषाद पार्टी के साथ सीट बंटवारे को अंतिम रूप देना चाहा था, लेकिन अब इसमें कुछ पेच फंसता दिख रहा है। ये पेच अपना दल का है। सूत्रों के मुताबिक अपना दल की नेता और मोदी सरकार में मंत्री अनुप्रिया पटेल कम से कम 24 सीटें मांग रही हैं। जबकि, बीजेपी उन्हें 14 सीटें दे रही है। हालांकि, निषाद पार्टी से 17 सीटों पर बात बन जाने की खबर है। 2017 के चुनाव में अपना दल को बीजेपी ने 11 सीटें दी थीं। बुधवार रात 10 बजे से डेढ़ बजे तक अमित शाह ने अपना दल की नेता और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल और निषाद पार्टी के अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद के साथ बैठक कर सीटों के बंटवारे पर मुहर लगाने की कोशिश की थी। जिन सीटों के बंटवारे पर बीजेपी, अपना दल और निषाद पार्टी के बीच समझौता होना है, उनमें से ज्यादातर पर पांचवें, छठे और सातवें चरण में वोट डाले जाएंगे।

Nishad Party chief Sanjay Nishad

अपना दल और निषाद पार्टी का वोट बैंक ज्यादातर पूर्वांचल में है। इसके अलावा निषाद पार्टी का कुछ वोट बैंक बुंदेलखंड, मध्य और पश्चिमी यूपी में है। माना जा रहा है कि बीजेपी से पिछड़े वर्ग के नेताओं की मची भगदड़ की वजह से भी पार्टी ने ज्यादा से ज्यादा सीटें इन दोनों सहयोगियों को अपने पाले में बनाए रखने के लिए दी हैं। फिलहाल बीजेपी नेतृत्व की नजर इस पर है कि और कौन से नेता पार्टी का साथ छोड़कर समाजवादी पार्टी में जा सकते हैं।