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ब्राह्मण वोटों में सेंध लगाने AAP के बाद अब बसपा भी मैदान में, लड़ेगी खुशी दुबे का केस

Khushi Dube Bail: बसपा पहले ही घोषणा कर चुकी है कि वह ब्राह्मण समुदाय को यह समझाने के लिए राज्य में ब्राह्मण सम्मेलनों की एक श्रृंखला आयोजित करेगी कि  उनके हित बसपा के पास सुरक्षित हैं।

लखनऊ। चुनाव नजदीक हैं, बिकरू नरसंहार के आरोपी अमर दुबे की नाबालिग विधवा खुशी दुबे ब्राह्मणों के लिए एक प्रतीक के रूप में उभरी हैं और हाल के महीनों में समुदाय पर किए गए ‘अत्याचारों’ का सिंबल भी है। आम आदमी पार्टी (आप) खुशी की रिहाई की लगातार मांग कर रही है, जो अब लगभग एक साल से जेल में बंद है, जबकि नरसंहार में उसकी कोई स्पष्ट भूमिका नहीं थी और घटना से तीन दिन पहले अमर दुबे से शादी की थी। 3 जुलाई, 2020 को बिकरू नरसंहार जिसमें आठ पुलिस कर्मी मारे गए थे, के कुछ दिनों बाद एसटीएफ द्वारा एक मुठभेड़ में अमर दुबे मारा गया था। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने अब घोषणा की है कि पार्टी खुशी के लिए कानूनी लड़ाई लड़ेगी। बसपा सांसद और वरिष्ठ वकील सतीश चंद्र मिश्रा जेल में बंद खुशी की रिहाई की मांग करेंगे, जो वर्तमान में बाराबंकी के एक किशोर गृह में बंद है। पिछले हफ्ते उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी गई थी। खुशी के वकील शिवकांत दीक्षित ने कहा, “इस तथ्य के बावजूद कि किशोर न्याय बोर्ड ने पुष्टि की है कि वह नाबालिग है, उसे जमानत से वंचित कर दिया गया है। मैं उसके मामले को लड़ने के लिए बसपा नेतृत्व के कदम का स्वागत करता हूं।”

बसपा के पूर्व विधायक नकुल दुबे के मुताबिक खुशी को न्याय दिलाने के लिए बसपा हर संभव कोशिश करेगी। गौरतलब है कि पिछले एक साल में बसपा ने इस मुद्दे पर एक भी शब्द नहीं बोला है।

satish chandra mishra and mayawati

बसपा पहले ही घोषणा कर चुकी है कि वह ब्राह्मण समुदाय को यह समझाने के लिए राज्य में ब्राह्मण सम्मेलनों की एक श्रृंखला आयोजित करेगी कि  उनके हित बसपा के पास सुरक्षित हैं। सतीश चंद्र मिश्रा इन सम्मेलनों को संबोधित करेंगे, जिनमें से पहला इस महीने के अंत में अयोध्या में आयोजित किया जाएगा।