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PM Modi’s Punjab Visit: राजनीति फायदे के लिए पीएम की जान से भी खिलवाड़ करने पर उतर आई कांग्रेस?

Breach in PM Modi’s security: गृह मंत्रालय के मुताबिक, पीएम मोदी का काफिला सैनीवाल में राष्ट्रीय शहीद स्मारक से लगभग 30 किलोमीटर दूर फ्लाइओवर के पास पहुंचा, तो कुछ प्रदर्शनकारियों ने उनके मार्ग को अवरूद्ध कर दिया। जिसके चलते पीएम मोदी को 15 से 20 मिनट तक फ्लाइओवर पर फंसे होने की वजह से इंतजार तक करना पड़ गया।

नई दिल्ली। आज यानी की बुधवार को पंजाब विधानसभा चुनाव के मद्देनजर फिरोजपुर में प्रस्तावित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली को रद्द कर दिया गया। पहले वो हवाईमार्ग से जनसभा को संबोधित करने के लिए जाने वाले थें, लेकिन खराब मौसम की वजह से उन्होंने सड़क मार्ग का विकल्प चुना, मगर इस दौरान जिन घटनाओं के नतीजतन उनकी रैली को निरस्त करने का फैसला लेना पड़ा, उसे लेकर अब चन्नी सरकार और पंजाब पुलिस बजेपी के आला नेताओं के निशाने पर आ गए हैं। पंजाब सरकार को बीजेपी के आला नेताओं के तीखे लेकिन गंभीर और प्रासंगिक सवालों का सामना करना पड़ रहा है। बहरहाल, मामले की गंभीरता को देखते हुए इन सवालों का पूछा जाना न महज लाजिमी अपितु अपिहार्य भी है। वो कैसे….हम आपको सब कुछ बताएंगे, लेकिन उससे पहले आप यह जान लीजिए कि आखिर पीएम मोदी की प्रस्तावित रैली क्यों रद्द करनी पड़ गई।

इस वजह से करनी पड़ गई पीएम मोदी की रैली रद्द

गृह मंत्रालय के मुताबिक, पीएम मोदी का काफिला सैनीवाल में राष्ट्रीय शहीद स्मारक से लगभग 30 किलोमीटर दूर फ्लाइओवर के पास पहुंचा, तो कुछ प्रदर्शनकारियों ने उनके मार्ग को अवरूद्ध कर दिया। जिसके चलते पीएम मोदी को 15 से 20 मिनट तक फ्लाइओवर पर फंसे होने की वजह से इंतजार तक करना पड़ गया। इस पूरी ही स्थिति को सुरक्षा में बड़े सेंध के तौर पर देखा जा रहा है। इस बात में कोई दोमत नहीं है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनावी रैली में इस तरह का हंगामा होना एक गंभीर मुद्दा है, लिहाजा इस बात की पूरी उम्मीद है कि आगामी दिनों में केंद्रीय गृह मंत्रालय इस पूरे मामले को संज्ञान लेकर रैली को अवरूद्ध करने वाले लोगों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वही, गृह मंत्रालय की तरफ से पंजाब सरकार से रिपोर्ट मांगी जा सकती है। खैर, यह तो रहा वो पूरा मसला, जिसकी वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली को रद्द करने जैसा फैसला लेना पड़ा गया, लेकिन आइए आगे रिपोर्ट में हम आपको उन सवालों से रूबरू कराए चलते हैं, जिनका सामना अभी बीजेपी की तरफ से पंजाब सरकार के सियासी नुमाइंदों को करना पड़ रहा है।

सबसे अहम, लेकिन जरूरी सवाल

पीएम मोदी की फिरोजपुर में प्रस्तावित रैली में प्रधानमंत्री का काफिला प्रदेश के किन-किन मार्गों से होकर गुजरेगा। इस बात की जानकारी अगर किसी को थी तो वो थी पंजाब पुलिस। अब ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी होने के साथ अपिहार्य भी है कि आखिर उन प्रदर्थनकारियों को कैसे पीएम मोदी के मार्गों के बारे में जानकारी मिली। आखिर किसने लगाई सूचना में यह सेंध? आखिर कौन है मुखबिर? कहीं बीजेपी की चुनावी-व्यवस्था को ध्वस्त करने के लिए तो नहीं पीएम मोदी की रैली को निरस्त करने की कारस्तानी रची गई थी? यह कुछ अहम सवाल हैं, जिनका सामना अभी पंजाब सरकार को पिछले कुछ दिनों तक करना होगा।

दूसरा सबसे अहम सवाल यह है कि आखिर पीएम मोदी की फिरोजपुर में प्रस्तावित रैली को लेकर जिस तरह का रवैया पंजाब पुलिस की तरफ से दिखाया गया है, उसे लेकर अभी प्रदेश सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए जा रहे हैं। अब पंजाब पुलिस चन्नी सरकार के रहमोकरम पर अपने मंसूबों को धरातल पर उतारने का काम करती है, तो ऐसे में पंजाब पुलिस से पूछे जाने वाले सवालों की तासिर की छींटे चन्नी सरकार पर न पड़े, ऐसा भला हो सकता है, क्या ? खैर, अब आइए आगे आपको बताते हैं इस पूरे मसले को लेकर तीसरा लेकिन सबसे अहम सवाल यह है कि हाल के वर्षों में प्रधानमंत्री की रैली में सबसे बड़ी चूक है। आखिर इतनी बड़ी चूक कैसे पंजाब सरकार से हो सकती है। इन सभी सवालों का सियासी गलियारों में गूंजा जाना लाजिमी है।

वहीं, इस पूरे मसले को लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने चन्नी सरकार पर तीखे सवालों की बौछार करते हुए कहा कि हमारी तरफ से इस मुद्दे को लेकर सीएम चन्नी को फोन किया गया था, लेकिन बात करना तो दूर, बल्कि किसी भी प्रकार सक्रियता तक नहीं दिखाई। बहरहाल, इतना तो साफ है कि पंजाब समेत अन्य राज्यों के विधानसभा चुनाव से पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र की सुरक्षा व्यवस्था में हुई इस चूक की तासिर की आवाज काफी दूर तक सुनाई देने वाली है।