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Samajwadi Party And Ram Temple: राम के नाम पर यूपी में अखिलेश यादव पड़े अकेले, समाजवादी पार्टी के अलावा कांग्रेस और बीएसपी समेत सभी दलों के विधायक अयोध्या गए

Samajwadi Party And Ram Temple: बीते दिनों अखिलेश यादव के चाचा और समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने मीडिया से कहा था कि वो नेता विपक्ष (अपने भतीजे) से कहेंगे कि पार्टी के विधायकों को अलग से राम मंदिर ले जाने की व्यवस्था करें।

लखनऊ। राम के नाम पर अखिलेश यादव यूपी में अकेले पड़ गए। अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी के अलावा बाकी सभी दलों के विधायक विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना के नेतृत्व में अयोध्या में रामलला के दर्शन के लिए गए। विधायकों के इस दल में कांग्रेस के अलावा बीएसपी और आरएलडी विधायक भी शामिल हैं। समाजवादी पार्टी ने अयोध्या में राम मंदिर दर्शन करने के विधानसभा अध्यक्ष के न्योते को ठुकरा दिया था। बीते दिनों अखिलेश यादव के चाचा और समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने मीडिया से कहा था कि वो नेता विपक्ष (अपने भतीजे) से कहेंगे कि पार्टी के विधायकों को अलग से राम मंदिर ले जाने की व्यवस्था करें।

akhilesh yadav and shivpal singh

इससे पहले राम मंदिर में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से भी समाजवादी पार्टी ने दूरी बना ली थी। न्योता मिलने के सवाल पर पहले अखिलेश यादव ने कहा कि जिसने न्योता दिया है, उसे वो नहीं जानते। फिर अखिलेश यादव ने न्योता न मिलने की बात कही थी। इसके बाद विश्व हिंदू परिषद यानी वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने सोशल मीडिया एक्स पर न्योता भेजे जाने के सबूत के तौर पर स्पीड पोस्ट की रसीद सार्वजनिक की थी। जिसके बाद अखिलेश यादव ने माना था कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए न्योता मिला है और उन्होंने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को चिट्ठी लिखकर बधाई देते हुए कहा था कि बाद में परिवार के साथ भगवान राम के दर्शन करने जाएंगे।

इस बीच, यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने राम मंदिर न जाने के समाजवादी पार्टी के फैसले पर निशाना साधा है। केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि चुनाव में सपा सफा हो जाएगी। अब जिस तरह कांग्रेस और अन्य विरोधी दलों के विधायक रामलला के दर्शन करने अयोध्या गए और बीजेपी से दूरी नहीं बनाई, उससे यूपी में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच खटपट हो सकती है। बता दें कि मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान सीट न दिए जाने के मसले पर अखिलेश यादव और कांग्रेस में जमकर बयानों की जंग हुई थी। उस दौरान अखिलेश ने ये तक कहा था कि कांग्रेस भरोसेमंद नहीं है।